Makar Sankranti 2021 Date: सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाई जाती है मकर संक्रांति, जानें तिथि
Makar Sankranti 2021 Date in India: इस दिन लोग सुबह उठकर, नहा-धोकर फ्रेश हो जाएं। फिर अपने ईष्ट देव को प्रणाम करें।

Makar Sankranti 2021 Date in India: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष मास की समाप्ति के अगले दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस गोचर को ज्योतिषियों की दृष्टि में बेहद खास माना जाता है और इस दिन को मकर संक्रांति कहते हैं जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को विशेष इसलिए भी माना जाता है क्योंकि पौष मास में रुके सभी शुभ कार्य इस दिन के बाद से पूरे होने शुरू हो जाते हैं। संक्रांति के दिन गुड़ और तिल का दान किया जाता है, साथ ही खिचड़ी खाने व दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होने की मान्यता है।
कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति: विक्रम संवत पंचांग के मुताबिक जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इसलिए किसी साल 14 तो कभी 15 जनवरी को ये त्योहार मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। संक्रांति के दिन दान-पुण्य के साथ ही स्नान का भी विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन ब्रह्म मुहुर्त में या फिर प्रातः काल में जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
क्या है शुभ मुहूर्त:
महापुण्य काल का समय – 8.03 से 8.27 तक है
पुण्य काल का समय – 14 जनवरी 2021, गुरुवार सुबह 8.30 बजे से 12.30 बजे तक है, यानी कि कुल अवधि करीब साढ़े 4 घंटे का रहेगा।
कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति: इस दिन लोग सुबह उठकर, नहा-धोकर फ्रेश हो जाएं। फिर अपने ईष्ट देव को प्रणाम करें। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और महादेव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन बच्चों में उत्साह भरपूर देखने को मिलता है क्योंकि आज के दिन पतंगबाजी का विशेष आयोजन होता है। साथ ही इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी दान किया जाता है।
संक्रांति की कथा: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि महाराज के पास गए। उस वक्त शनि देव मकर राशि का स्वामित्व कर रहे थे। बता दें कि भगवान शनि को मकर राशि के देवता माना जाता है। तब से ही इस दिन को मकर संक्रात के रूप में मनाया जाने लगा। माना जाता है कि इस खास दिन पर अगर एक पिता अपने बेटे से मिलने जाता है तो उनके यहां की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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