Lohri 2019 Puja Vidhi, Mantra, Items, Shubh Muhurat, Time: 13 जनवरी, दिन रविवार को लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी भारत में सेलीब्रेट किए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवविवाहितों के लिए लोहड़ी का पर्व बहुत ही खास माना गया है। इस दिन नवविवाहित जोड़े अग्नि को आहुति देते हुए उसके चारों ओर घूमते हैं। इस आहुति के साथ वे एक सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करते हैं।
मान्यता है कि अग्नि को आहुति देने और उसके चारो ओर घूमने की रश्म निभाने से वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर होती हैं और नई खुशियां आती हैं। इस अवसर पर वैवाहिक जोड़े पारंपरिक परिधान धारण करते हैं। साथ ही उनके द्वारा जमकर भांगड़ा नृत्य भी किया जाता है। लोहड़ी की आग में तिल, गजक, मूंगफली, गुड़, रेवड़ी, खील, मक्का और गन्ना चढ़ाया जाता है। कहते हैं कि अग्नि में इन चीजों की आहुति देने से दांपत्य जीवन में सम्पन्नता आती है।
शुभ मुहूर्त: लोहड़ी की आग शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर जलाई जाती है। सामान्यतौर पर सूर्यास्त के बाद ही लोहड़ी जलाई जाती है। इस साल 13 जनवरी की शाम 06 बजे के बाद लोहड़ी जलाने का शुभ मुहूर्त है। शुभ मुहूर्त में लोहड़ी जलाना अत्यन्त शुभफलदायी माना गया है। लोहड़ी की अग्नि को नवविवाहित जोड़ों के लिए अत्यन्त विशेष माना गया है। कहा जाता है कि नवविवाहित जोड़े द्वारा अग्नि में दी गई आहुति सीधे भगवान तक जाती है। और भगवान उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन को पौष माह का अंत और माघ के महीने की शुरुआत माना गया है। लोहड़ी का पर्व परिवार के लोग एकजुट होकर मनाते हैं। लोहड़ी से जुड़ी हुई कई पौराणिक कथाएं हैं। ऐसी ही एक कथा के मुताबिक होलिका और लोहड़ी नाम की दो बहनें थीं। बताते हैं कि लोग लोहड़ी की प्रवृत्ति से काफी प्रभावित थे और पंजाब में उनकी पूजा की जाती थी। माना जाता है कि उन्हीं की याद में लोहड़ी मनाई जाती है।

