…इसलिए हिंदू धर्म में महिलाओं को श्मशान घाट जाने की है मनाही!
श्मशान घाट के बारे में कहा जाता है कि वहां पर निरंतर नकारात्मक ऊर्जा घूमती रहती है। कहते हैं कि इस नकारात्मक ऊर्जा की चपेट में महिलाएं बहुत जल्द आ जाती हैं।

हिंदू धर्म में महिलाओं को श्मशान घाट जाने की मनाही है। हालांकि इसे बहुत अनिवार्य नहीं माना गया है। फिर भी कुछ ऐसी वजहें हैं जिनके चलते महिलाओं को श्मशान घाट जाने के लिए मना किया जाता है। आज हम इन्हीं वजहों के बारे में विस्तार से जानेंगे। स्पष्ट रहे कि हिंदू धर्म के ग्रंथों और पुराणों में कहीं भी महिलाओं को श्मशान घाट जाने के लिए मना नहीं किया गया है। यह महज एक परंपरा चल पड़ी है। रीति-रिवाजों के मुताबिक, अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने वालों के लिए मुंडन संस्कार कराना अनिवार्य है। जबकि सुहागिन महिलाओं को मुंडन की इजाजत नहीं है। ऐसे में महिलाओं का श्मशान घाट नहीं जाना ही अच्छा माना जाता है।
श्मशान घाट के बारे में कहा जाता है कि वहां पर निरंतर नकारात्मक ऊर्जा घूमती रहती है। कहते हैं कि इस नकारात्मक ऊर्जा की चपेट में महिलाएं बहुत जल्द आ जाती हैं। इससे महिलाओं का दैनिक जीवन सामान्य नहीं रह पाता। उन्हें कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। जबकि पुरुषों के बारे में कहा जाता है कि वे इतनी आसानी से नकारात्मक ऊर्जा का शिकार नहीं होते। पुरुषों को उसका सामना करना आता है।
ऐसी मान्यता है कि श्मशान घाट में आत्माओं का वास होता है। इसमें विश्वास करने वालों का कहना है कि ये आत्माएं महिलाओं को बहुत तेजी से अपनी शिकार बनाती हैं। इससे उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हिंदू धर्म में शव के घर से बाहर निकलने के बाद पूरे घर को साफ किया जाता है। इस सफाई के लिए भी महिलाओं का घर पर होना जरूरी माना गया है। घर की सफाई नहीं करने पर नकारात्मक उर्जा का वास हो जाने की बात कही गई है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।