Ketu Mahadasha Effect In Astrology: ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रह की अंतर्दशा और महादशा चलती है। जिसका प्रभाव मानव जीवन और राशियों के ऊपर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि यहां हम बात करने जा रहे हैं छाया ग्रह केतु के बारे में। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु ग्रह को पाप ग्रह की संज्ञा दी गई है। लेकिन ऐसा नहीं है कि केतु ग्रह हमेशा बुरा फल दी प्रदान करें। दरअसल यहां जानना यह जरूरी है कि कुंडली में केतु ग्रह किस स्थिति में और किस ग्रह के साथ स्थित है। उस अनुसार वह अपनी महादशा में फल प्रदान करेगा।
केतु ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव
अगर कुंडली में केतु ग्रह शुभ हो स्थित
वैदिक ज्योति में केतु ग्रह को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष, तांत्रिक आदि का कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में केतु तृतीय, पंचम, षष्टम, नवम और द्वादश स्थान में हो तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं यदि केतु गुरु ग्रह के साथ युति बनाता है तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है। केतु व्यक्ति को अध्यात्मकी ओर ले जाता है। साथ ही केतु ग्रह अगर दशम भाव में विराजमान हो तो व्यक्ति ज्योतिष विद्या में अच्छा नाम कमाता है। इसलिए अगर केतु ग्रह की महादशा चल रही है तो व्यक्ति को शुभ फल प्रदान होंगे।
अगर कुंडली में केतु ग्रह अशुभ हो स्थित
ज्योतिष अनुसार अगर कुंडली में केतु ग्रह पीड़ित अवस्था में हो तो व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति के सामने अचानक कोई न कोई बाधा आ जाती है। यदि व्यक्ति किसी कार्य के लिए जो निर्णय लेता है तो उसमें उसे असफलता का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यापार में घाटा होता है। वहीं अगर केतु ग्रह द्वारा कालसर्प दोष का निर्माण हो रहा हो तो व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता और वह जीवन भर संघर्ष करता है। वहीं केतु ग्रह की अगर महादशा चल रही है तो व्यक्ति को अशुभ फल प्रदान होंगे।
करें ये उपाय
1- केतु ग्रह अगर कुंडली में अशुभ स्थित हो तो काली रंग की गाय का दान करें।
2- केतु ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए गरीब, असहाय, अपंग व्यक्तियों को भोजन, धन आदि का दान करें।
3- कुत्तों को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।
4- केतु ग्रह के बीज मंत्र ॐ कें केतवे नमः का जाप करें।