Kans Vadh: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया था। जिस कारण इस तिथि को कंस वध के नाम से जाना जाता है। ये तिथि इस बार 07 नवंबर यानी आज पड़ी है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन काल में कई लीलाएं की थीं जिसमें कंस वध प्रमुख है। जानिए कंस और उसके वध से जुड़ी कुछ रोचक बातें…
– कंस नौ भाई और उसकी पांच बहनें थीं। वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। उसकी बहनों का ब्याह वसुदेव के छोटे भाइयों से हुआ था।
– कंस ने अपने ही पिता उग्रसेन को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया था और खुद शूरसेन जनपद का राजा बन बैठा।
– कंस अपनी चचेरी बहन देवकी से काफी स्नेह करता था। लेकिन एक दिन आकाशवाणी हुई कि तू जिस देवकी से इतना स्नेह करता है, उसका 8वां पुत्र ही तेरी मौत का कारण बनेगा।
– मौत के भय से कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया और उसने एक-एक करके देवकी की सभी 6 संतानों को मार डाला।
– फिर शेषनाग ने मां देवकी के गर्भ में प्रवेश किया लेकिन भगवान विष्णु ने देवकी की इस सातवी संतान को देवी योगमाया की मदद से वसुदेव की पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दिया। यह बलराम कहलाए।
– इसके बाद भगवान विष्णु स्वयं माता देवकी के गर्भ में कृष्ण अवतार में आए। ये वसुदेव की आठवीं संतान थी जिसे लेकर भविष्यवाणी हुई थी कि यही कंस का वध करेगी।
– कंस ने कारागार की सुरक्षा और भी ज्यादा बढ़ा दी। भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण अवतार में जन्म लिया। भगवान के जन्म लेते ही कारागार के द्वार खुद ब खुद खुल गए और सभी सैनिक सो गये। जिससे वासुदेव बाल कृष्ण को सुरक्षित नंदबाबा के यहां पहुंचाने में सफल हो गए।
– जब कंस को कृष्ण के गोकुल में होने की सूचना मिली, तो उसने कई बार उनकी हत्या की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे हार का ही सामना करना पड़ा। तब एक दिन उसने साजिश के तहत कृष्ण और बलराम को अपने दरबार में आमंत्रित किया। जहां श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया।