खुद को साध्वी नहीं मानती जया किशोरी, जानिये भजन और कथाओं के अलावा क्या करना है पसंद
Jaya Kishori Instagram Account: जया किशोरी अपना ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट यानी आई एम जया किशोरी (iamjayakishori) खुद चलाती हैं। बता दें कि उनके 1.7 मिलियन फॉलोवर्स हैं।

Jaya Kishori: प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी को देश-विदेश में उनके द्वारा गाए भजनों व कथाओं से जाना जाता है। नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भागवत कथा’ में उनकी वाचन शैली को लोग बेहद पसंद करते हैं। कम उम्र में ही काफी वाहवाही बटोर चुकीं किशोरी जी युवाओं को लाइफ मैनेजमेंट और सफलता पाने के गुर भी बताती हैं। इन्हीं कारणों से भक्त जया किशोरी को साध्वी कहकर संबोधित करने लगे हैं। हालांकि, उन्हें ये बिल्कुल भी पसंद नहीं है और वो चाहती हैं कि कोई भी उन्हें साध्वी कहकर न पुकारे। आइए जानते हैं वजह –
साध्वी कहलाना नहीं है पसंद: जया किशोरी जी ने कई इंटरव्यूज में खुद ये बात मानी है कि वो कोई साध्वी नहीं हैं, इसलिए उन्हें साध्वी न कहा जाए। उनका कहना है कि दूसरी लड़कियों के समान ही वो भी एक आम युवती हैं। वो आगे कहती हैं कि उन्होंने श्रीकृष्ण को अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। यही कारण है कि वो अपने श्याम की भक्ति में सराबोर रहती हैं। साथ ही इस कोशिश में रहती हैं कि समाज के अन्य तबकों को भी कान्हा के गुणों और ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर सकें। इसलिए वो कथावाचन और भजन गाती हैं।
शादी को नहीं है इंकार: किशोरी जी खुद को जहां एक सामान्य कन्या मानती हैं, इसके साथ ही वो ये भी कहती हैं कि जिस प्रकार दूसरी लड़कियां अपना जीवन व्यतीत करती हैं, उसी प्रकार वो भी रहती हैं। इतना ही नहीं, शादी के सवाल से भी जया मना नहीं करती हैं। किशोरी जी के अनुसार जिस तरह दूसरी लड़कियों की शादी होती है, वैसे ही समय आने पर वो भी अपने परिवार की मर्जी से शादी करेंगी और गृहस्थ जीवन व्यापन करेंगी।
सोशल मीडिया पर हैं बेहद एक्टिव: आध्यात्मिक जगत में बड़ा नाम बन चुकीं जया किशोरी इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर भी एक्टिव रहती हैं। हालांकि, इंस्टा के अलावा उनके अधिकतर अकाउंट्स उनकी टीम चलाती है। इनमें आपको जया किशोरी जी के विचार, टिप्स, लेटेस्ट भजन-कथाएं और मॉटिवेशनल वीडियोज के अंश भी मिल जाएंगे।
खाली समय में क्या करती हैं: एक इंटरव्यू में किशोरी जी बताती हैं कि खाली समय में भी वो अपने ईश्वर में रमे रहना ही पसंद करती हैं। इस दौरान कुछ कथाएं, भजन, प्रसंग और सत्संग सुनना पसंद करती हैं। इसके अलावा, सात्विक भोजन बनाना भी उन्हें पसंद है। जब कभी उन्हें कुछ समय मिलता है तो वे किताबें पढ़ना भी बेहद पसंद करती हैं।