राजा प्रियंवद की कहानी: छठ पूजा के पीछे की कहानी राजा प्रियंवद को लेकर है। कहते हैं राजा प्रियवंद को कोई संतान नहीं थी तब महर्षि कश्यप ने पुत्र की प्राप्ति के लिए यज्ञ कराकर प्रियंवद की पत्नी मालिनी को आहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इससे उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई लेकिन वो पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ। प्रियंवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं और उन्होंने राजा प्रियंवद से कहा कि वो सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न हुई हैं और इसी कारण वो षष्ठी कहलातीं हैं। उन्होंने राजा प्रियंवद से उनकी पूजा करने और दूसरों को पूजा के लिए प्रेरित करने को कहा। जिसके बाद राजा प्रियंवद ने पुत्र इच्छा के कारण देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। तभी से छठ पूजा पुत्रों की दीर्घ आयु के लिए मनायी जाती है।
भगवान राम और लंका विजय से जुड़ी कहानी: छठ पूजा से जुड़ी एक अन्य कहानी प्रचलित है जिसके मुताबिक विजयादशमी के दिन लंकापति रावण के वध के बाद दिवाली के दिन भगवान राम अयोध्या पहुंचे। रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए भगवान राम ने ऋषि-मुनियों की सलाह से राजसूर्य यज्ञ किया। इस यज्ञ के लिए अयोध्या में मुग्दल ऋषि को आमंत्रित किया गया। मुग्दल ऋषि ने मां सीता को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने की सलाह दी। इसके बाद मां सीता मुग्दल ऋषि के आश्रम में रहकर छह दिनों तक सूर्यदेव भगवान की पूजा की थी। इसके बाद से ही यह पर्व मनाया जाता है।
महाभारत की मान्यता: एक अन्य मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की। कर्ण भगवान सूर्य का परम भक्त था। वह प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में ख़ड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देता था। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बना था। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही पद्धति प्रचलित है। कुछ कथाओं में पांडवों की पत्नी द्रोपदी द्वारा भी सूर्य की पूजा करने का उल्लेख है। वे अपने परिजनों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना और लंबी उम्र के लिए नियमित सूर्य पूजा करती थीं।
ये है छठ पूजा तिथि
नहाय-खाय- 24 अक्टूबर
खरना- 25 अक्टूबर
डूबते सूर्य को अर्घ्य- 26 अक्टूबर
उगते सूर्य को अर्घ्य- 27अक्टूबर
छठ पूजा 2017 : मुहूर्त समय
छठ पूजा के दिन इस समय होगा सूर्यादय – 06:41 बजे सुबह
छठ पूजा के दिन इस वक्त होगा सूर्यास्त- 06:05 बजे शाम