वैदिक ज्योतिष के अनुसार मनुष्य की जन्म कुंडली में कई प्रकार के विशेष योगों का निर्माण होता है। साथ ही आपने अक्सर सुना ही होगा, कि अमुख व्यक्ति की कुंडली में राज योग है या धन योग है। आज हम ऐसे ही शुभ योग की चर्चा करने जा रहे हैं, जिसका नाम है रूचक योग। ज्योतिष में इस योग को बेहद ही शुभ और शक्तिशाली माना गया है।
आपको बता दें कि इस योग का संबंध मंगल ग्रह से है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में यह बनता है वह जातक अपने क्षेत्र में महारथ हासिल करता है।आइए जानते हैं कैसे निर्माण होता है रूचक योग का और कुंडली में इसका क्या फल प्राप्त होता है।
जानिए कैसे निर्माण होता है रूचक योग का:
रूचक पंच महापुरुष योग मंगल ग्रह के द्वारा निर्मित होता है। यह योग तब बनता है, जब कुंडली के केंद्र भाव में मंगल अपनी उच्च राशि मकर अथवा अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष या फिर अपनी स्वराशि वृश्चिक में स्थित होता है। मानसागरी के अनुसार यदि मंगल ग्रह लग्न से केंद्र में स्थित हो और अपनी उच्च अथवा स्वराशि में स्थित हो तभी रूचक पंच महापुरुष योग का निर्माण होगा। परंतु मंगल के साथ सूर्य या चंद्रमा स्थित हो तो महापुरुष योग भंग हो जाता है और जो इसका महान फल है वह नहीं प्राप्त होता। केवल सामान्य फल ही प्राप्त हो पाता है।
कुंडली में रूचक योग का फल:
रूचक पंच महापुरुष योग जिस व्यक्ति की कुंडली में स्थित होता है, वह व्यक्ति अत्यंत ही बलिष्ठ होता है। देखने में ऊर्जावान और शक्तिशाली होता है। उसका स्वभाव बहुत अच्छा तथा चारित्रिक रूप से शीलवान होता है।
इन क्षेत्रों में बनता है करियर:
इस योग वाला जातक पुलिस, सेना, खेल प्रतिस्पर्धाएं जैसे क्रिकेट, फुटबाल, टेनिस, कुश्ती आदि में सफलता अर्जित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल करता है। यह योग यदि किसी स्त्री की कुंडली में हो तो उसमें भी पुरुषों जैसे गुण पाए जाते हैं और वह पुरुषों की प्रधानता वाले क्षेत्रों जैसे कुश्ती आदि में ख्याति प्राप्त करती है।
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