Pitra Dosh: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह शांति सहित कई चीजों के उपाय बताए गए हैं। पितृ दोष मुक्ति होने की भी उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि पितृ दोष क्या है और उससे क्या हानि होती है। इससे मुक्त होने के ज्योतिष शास्त्र में क्या उपाय बताए गए हैं।
क्या है पितृ दोष (What is Pitra Dosh)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों या पूर्वजों की अतृप्ति के कारण परेशानियां का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि मरने के बात पितरों की आत्मा अपने परिवार को देखती हैं। अगर उनके परिवार के लोग उनका सम्मान नहीं करते हैं,तो इससे वह नाराज हो जाते हैं और उनके परिवार के लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में इसे पितृ दोष कहा जाता है।
कुंडली में कैसे बनता है पितृ दोष (Pitra Dosh)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातकी की कुंडली के पांचवें भाव में सूर्य देव, मंगल देव और शनि देव हैं और आठवें भाव में राहु और गुरु ग्रह हैं,तो कुंडली में पितृ दोष बनता है। वहीं अगर राहु और केतु का संबंध कुंडली के पांचवे भाव से है, तो भी कुंडली में पितृ दोष बनता है।
पितृ दोष के लक्षण
पितृ दोष के कारण गृह क्लेश, नौकरी में परेशानियां, व्यापार में घाटा, धन हानि सहित कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh ke Upay)
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष मुक्ति के कई उपाय बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातकों को पितृ दोष में मुक्ति मिलती हैं।
-शनिवार के दिन कच्चे दूध में काला तिल मिलाकर सूर्योदय से पहले पीपल के वृक्ष में चढ़ाएं।
-अमावस्या के दिन पितरों के नाम का खाना निकालें।
-अमावस्या के दिन पितरों के नाम से ब्राह्मणों को खान खिलाएं।
-अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान करें।
-पशु -पक्षियों को रोटी खिलाएं।
-नियमित रूप से सूर्य देव को तांबे के पात्र से अर्घ्य दें।
-अपने इष्ट देव की नियमित पूजा करें।