Hanuman Jayanti 2023 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी के कारण इसे हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं। हालांकि, कई स्थानों पर हनुमान जयंती कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म वानरराज केसरी और माता अंजना के घर में हुआ था। बजरंगबली को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। जानिए हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।
हनुमान जयंती तिथि 2023 (Hanuman Jayanti 2023 Date)
चैत्र पूर्णिमा तिथि आरंभ- 5 अप्रैल, बुधवार सुबह 09 बजकर 19 मिनट से आरंभ
चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त- 06 अप्रैल, गुरुवार को सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त
तिथि- उदया तिथि के आधार पर हनुमान जयंती 06 अप्रैल गुरुवार को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती 2023 पूजा मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2023 Puja Muhurat)
पूजा का शुभ मुहूर्त- 6 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 40 मिनट तक
लाभ उन्नति मुहूर्त – दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक
शाम के समय पूजा का मुहूर्त- 05 बजकर 07 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक
शुभ उत्तम मुहूर्त- शाम 05 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट कर
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त- शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक
हनुमान जयंती 2023 शुभ समय (Hanuman Jayanti 2023 Shubh Yoga)
अभिजित मुहूर्त – 6 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
हस्त नक्षत्र – 5 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 23 मिनट से 06 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक
चित्रा नक्षत्र – 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 41 मिनट से 7 अप्रैल दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक
हनुमान जयंती 2023 पूजा विधि (Hanuman Jayanti 2023 Puja Vidhi)
हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय से सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद हनुमान जी की विधिवत पूजा करें। हनुमान जी को फूल से जल अर्पित करने के बाद लाल फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान का बीड़ा, लाल लंगोट आदि चढ़ा दें। इसके बाद भोग में बूंदी या फिर मोतीचूर के लड्डू अर्पित करें। इसके साथ ही तुलसी दल भी चढाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर हनुमान चालीसा के साथ मंत्र का जाप करें। अंत में विधिवत आरती करने के साथ भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
भगवान हनुमान के मंत्र
हनुमान जी का मूल मंत्र:
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
हनुमान जी का कवच मूल मंत्र
श्री हनुमंते नम: