Govardhan Puja 2019 Puja Vidhi, Muhurat Timings, Mantra, Aarti: गोवर्धन पूजा की विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती और सभी जानकारी मिलेगी यहां
Govardhan Puja 2019 Puja Vidhi, Muhurat Timings, Time, Samagri, Mantra, Aarti: गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

Govardhan Puja 2019 Puja Vidhi, Muhurat Timings, Time, Samagri, Mantra, Aarti: गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा की जाती है। गोवर्धन के दिन गाय की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। जो हमें स्वास्थ्य संबंधी धन देती है। मान्यता है कि इस पूजा का प्रारंभ द्वापर युग में भगवान कृष्ण के कहने पर ब्रजवासियों ने शुरू किया था। जानिए पूजा विधि, मंत्र, आरती, मुहूर्त और सभी जानकारी…
गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi) :
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। पूजा वाले दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल आदि से दीपक जालाकर उसकी पूजा करें। गोबर से बनाए गए गोवर्धन की परिक्रमा करें। फिर ब्रज के देवता गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट भोग लगाएं। अन्नकूट में 56 प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। इस दिन प्रदोष काल (शाम के समय) में विधि-विधान श्रीकृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा कर उसे गुड़ और हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त (Govardhan Puja Muhurat) :
03:27 पी एम से 05:41 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 14 मिनट्स
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 28, 2019 को 09:08 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्टूबर 29, 2019 को 06:13 ए एम बजे
गोवर्धन पूजा मंत्र :
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
गोवर्धन आरती (Govardhan Aarti) :
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
और चकलेश्वर विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,
तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।
करो भक्त का बेड़ा पार
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
Highlights