Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने राजनीति और अर्थशास्त्र के अलावा आयुर्वेद के भी कई ग्रंथ लिखे हैं। चाणक्य द्वारा लिखी गई नीतियों को व्यक्ति चाहे तो अपने जीवन में अपनाकर हर एक समस्या से छुटकारा पा सकता है। उन्होंने अपनी नीतियों में व्यक्ति को सफल बनने के ही बातें नहीं बताई है, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य को लेकर भी की बातें बताई हैं। इन्हीं में से एक है कि व्यक्ति को पानी पीते समय किन गलतियों को करने से बचना चाहिए। क्योंकि आपके द्वारा की गई ये गलती आपके स्वास्थ्य पर पूरा असर डाल सकती हैं। जानिए पानी संबंधित किन बातों का रखें ख्याल।
श्लोक
अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्।
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।
इस श्लोक का अर्थ है अपच के समय पानी पीना दवाई का कार्य करता है| भोजन पचने के बाद पिया हुआ जल शक्ति देता है और भोजन के मध्य में पानी अमृत का कार्य करता है, लेकिन भोजन के तुरंत बाद जलपान करना विष के समान होता है।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से कहा है कि जब व्यक्ति को अपच की समस्या हो, तो पानी दवा की तरह काम करता है। इसके साथ ही भोजन करते समय आप चाहे, तो बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पी सकते हैं। इससे लाभ मिलता है। इसके साथ ही भोजन पचने के आधा या फिर एक घंटे बाद मनमुताबिक पानी पीना चाहिए। इससे आपको शारीरिक बल मिलता है। लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि खाना खाने के तुरंत बाद बिल्कुल भी पानी न पिएं। ऐसा करने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है और व्यक्ति कई बीमारियों की गिरफ्त में आ सकता है।
कब पानी पीना है बेहतर?
आचार्य चाणक्य के अनुसार, भोजन करने के 30 से 45 मिनट के बाद पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में भरपूर ऊर्जा आती है और पाचन तंत्र ठीक ढंग से काम करता है।
आचार्य चाणक्य के बारे में कुछ बातें
आचार्य चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ थे उन्होंने अपनी नीतियों के बलबूते एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया था। चाणक्य तक्षशिला में अर्थशास्त्र के आचार्य थे। उन्होंने व्यक्ति के सुखी रहने और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए चाणक्य नीति नामक ग्रंथ लिखाथा। व्यक्ति चाहे तो इसमें लिखी कई नीतियों को धारण करके हर क्षेत्र में सफलता पा सकता है।