Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते हैं सफल तो युवा इन आदतों से बना लें दूरी
Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य की मानें तो इस उम्र में हुई जरा सी भी लापरवाही लोगों को पूरी जिंदगी कचोटती रहती है

Chanakya Niti in Hindi: विश्व भर में अपने ज्ञान के लिए प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य को महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ का दर्जा दिया गया है। राजकाज के अलावा, आचार्य ने अपनी चाणक्य नीति पुस्तक में सफलता के सूत्रों के बारे में बताया है जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। योग्य शिक्षक माने जाने वाले चाणक्य ने युवाओं से संबंधित कई बातों का जिक्र किया जो उनको सफल बनाने में काम आएंगे। उनके अनुसार युवावस्था उम्र का वो पड़ाव है जहां पर व्यक्तियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान गलत रास्ते पर चले जाने से लोग जीवन भर पछताते हैं। चाणक्य ने सफल जिंदगी जीने के लिए युवाओं को कई आदतों से दूर रहने की सलाह दी है। आइए जानते हैं किन आदतों से दूर रहना युवाओं के लिए है फायदेमंद-
नशे की आदत से बनाएं दूरी: युवावस्था जीवन का एक ऐसा पड़ाव है जहां लोग गलत चीजों के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं। युवाओं को आसानी से कई बुरी चीजों की लत लग जाती है जिनसे छुटकारा पाने में उनका काफी समय भी बर्बाद हो जाता है। नशा करना भी एक ऐसी ही बुरी आदत है जो युवाओं को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है। चाणक्य के अनुसार नशे की आदत ज्यादातर लोगों को कम उम्र में ही लगती है, ऐसे में युवाओं को इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए। चाणक्य लिखते हैं कि नशा न केवल युवाओं बल्कि उनके साथ रहने वाले बाकी लोगों के जीवन को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। ऐसे में युवाओं को नशा करने से बचना चाहिए।
गलत संगत न पड़ें: लोगों को अपने लक्ष्य के बारे में युवावस्था से ही सोचना शुरू कर देना चाहिए। चाणक्य की मानें तो इस उम्र में हुई जरा सी भी लापरवाही लोगों को पूरी जिंदगी कचोटती रहती है। इसलिए युवावस्था में व्यक्ति को सजग और सावधान रहना चाहिए। इस दौरान संगत का भी बहुत असर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप वैसे दोस्त बनाएं जो आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें। अच्छी संगत जहां लोगों को सफल होने में मदद करती है वहीं, बुरी संगत में पड़ने वाले कई लोग अपने हाथों ही अपना भविष्य खराब कर लेते हैं।
स्वास्थ्य का रखें ध्यान: आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इस उम्र में स्वास्थ्य पर भी खास ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ शरीर मस्तिष्क को बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करता है। साथ ही, शारीरिक रूप से फिट रहने वाले व्यक्ति अधिक सृजनशील भी होते हैं। इससे उनके भविष्य निर्माण में मदद मिलती है। इस उम्र में विद्या प्राप्त करने के साथ ही खेलकूद में रुचि रखना भी जरूरी है। किसी भी खेल में हिस्सा लेने से व्यक्ति अनुशासन के साथ-साथ समूह में एक-साथ कार्य करने की भावना से भी परिचित होता है।