नई दिल्ली, Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023: हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। जानिए चैत्र विनायक चतुर्थी की तिथि, शुभ योग, मुहूर्त और पूजा विधि।
चैत्र विनायक चतुर्थी 2023 तिथि (Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023 Tithi)
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- 24 मार्च शुक्रवार शाम 04 बजकर 59 मिनट पर शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 मार्च शनिवार शाम 04 बजकर 23 मिनट तक
तिथि- उदया तिथि के अनुसार चैत्र की विनायक चतुर्थी 25 मार्च को है।
चैत्र विनायक चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त (Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023 Puja Muhurat)
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 14 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक है।
रवि योग- सुबह 06 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
चंद्रोदय का समय (Moon Rise Timing)
सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने से बचें। इस दिन चांद देखने से आने वाले समय में चोरी का कलंक लगता है।
चैत्र विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023 Puja Vidhi)
चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले गणपति जी को जल अर्पित करें। इसके बाद फूल, माला, दूर्वा, अक्षत, आदि अर्पित करें और भोग में मोदक, बूंदी के लड्डू या कोई अन्य मिठाई खिलाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर गणपति जी के मंत्र, कथा, चालीसा आदि का पाठ कर लें। इसके बाद आरती कर लें और अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
विनायक चतुर्थी को न देखें चंद्रमा
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी के दिन भगवान कृष्ण से चंद्रमा के दर्श कर लिया था। जिसके कारण उनके ऊपर मणि चोरा का आरोप लगा था। इसी के कारण माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।