Durga Saptashati Path In Hindi: वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से हो चुका है। नवरात्रि में माता के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। साथ ही लोग अपने- अपने तरीके पूजा करके मां को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इसी के साथ नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ करने का भी विधान है। दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्यायों का वर्णन है जिसमें मां अम्बे की महिमा बताई गई है। वहीं ज्योतिष अनुसार दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप विधि-विधान से यदि नवरात्रि में किया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही धन में वृद्धि हो सकती है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में और इनको जपने के नियम…
1- आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिये
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
2- सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिये
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
3- बाधामुक्त होकर धन-पुत्रादि की प्राप्ति के लिये
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥
4- भय-नाश के लिये
(क) सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥
(ख) एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्।
पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायनि नमोऽस्तु ते॥
(ग) ज्वालाकरालमत्युग्रमशेषासुरसूदनम्।
त्रिशूलं पातु नो भीतेर्भद्रकालि नमोऽस्तु ते॥
5- सामूहिक कल्याण के लिए मंत्र
देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या
निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या।
तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां
भकत्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न: ।।
6- रक्षा के लिए
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
जानिए जप करने की विधि
- सबसे पहले स्नान करके, सफेद या गुलाबी वस्त्र धारण करें। इसके बाद मां देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद फूल माला चढ़ाएं, कुमकुम से तिलक लगाएं।
- धूप और दीपक जलाएं, साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले गणेश जी का पूजन अवश्य कर लें। अगर आपने घर में कलश की स्थापना की हुई है तो सबसे पहले उसका पूजन भी जरूर कर लें।
- इसके बाद चंदन या रोली का तिलक लगाकर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठें। वहीं बैठने के बाद चार बार आचमन करें। फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ करें।
- आपकी जो मनोकामना है, उसी के अनुसार मंत्र का जाप करें। ध्यान रहें जाप करते समय घर में कोई शोरगुल नहीं होना चाहिए।
- अगर आप स्वयं ये काम करने में सक्षम न हो तो किसी योग्य ब्राह्मण से भी ये काम करवा सकते हैं। क्योंकि उनको दक्षिणा देकर आपको फल की प्राप्ति हो जाएगी।