Chaitra Navratri: नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, राजनीति में हो सकते हैं बड़े परिवर्तन
Chaitra Navratri 2021: मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने को छत्रभंगे स्तुरंगम कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी मां घोड़े पर विराजमान होकर आती हैं तो देश के लिए यह शुभ नहीं होता है।

नवरात्रि (Navratri) के पावन पर्व की शुरुआत 13 अप्रैल से होने जा रही है। इस दिन मंगलवार पड़ रहा है। माना जाता है कि जब भी नवरात्र इस दिन से शुरू होते हैं तो माता रानी का आगमन घोड़े पर होता है। ज्योतिष दृष्टि से माता की ये सवारी अच्छी नहीं मानी जाती है क्योंकि इससे कुछ न कुछ बुरा होने की आशंका रहती है। इसलिए इस दौरान मां के भक्तों को सच्चे मन से उनकी अराधना करने की जरूरत है। जिससे चारों तरफ सकारात्मकता बनी रहे।
कैसे पता चलती है माता की सवारी? माता दुर्गा की सवारी उनके नवरात्रि के पहले दिन से पता चलती है। देवीभागवत पुराण के एक श्लोक के मुताबिक नवरात्रि का आरंभ जिस भी दिन होता है उसी के अनुसार माता की सवारी निर्धारित होती है।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
इस श्लोक के मुताबिक नवरात्रि में माता का आगमन यदि सोमवार या फिर रविवार से होता है तो इसका मतलब माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। अगर इन पवित्र दिनों की शुरुआत शनिवार या मंगलवार से होती है तो इसका मतलब माता इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी। यदि माता का आगमन गुरुवार या शुक्रवार में होता है तो इसका मतलब है माता डोली पर सवार होकर आ रही हैं और इसी तरह यदि बुधवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत होती है तो इसका मतलब माता नाव पर सवार होकर आ रही हैं।
इस बार माता के आगमन की सवारी है घोड़ा: मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने को छत्रभंगे स्तुरंगम कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी मां घोड़े पर विराजमान होकर आती हैं तो देश के लिए यह शुभ नहीं होता है। इसके प्रभाव से सत्ता में उथल-पुथल होने की संभावना रहती हैं और सत्ता परिवर्तन के भी आसार बने रहते हैं। इसके अलावा पड़ोसी देश से वाद-विवाद होने की स्थिति बनती है और देश में भयंकर आंधी-तूफान आने के भी आसार रहते हैं।
ऐसे होगी माता की वापसी: इस बार नवरात्रि का समापन बुधवार के दिन हो रहा है। इसका मतलब माता के जाने की सवारी हाथी होगी। माता की ये सवारी ज्यादा बारिश होने का सूचक मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस बार देश में वर्षा और अन्न की कमी नहीं होगी।