बुध को सूर्य के सबसे निकट का ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ युति करने पर लाभकारी परिणाम देता है, जबकि पाप ग्रहों के साथ युति होने पर या जब बुध किसी कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भाव में उपस्थित हो तो इससे उस जातक को अशुभ परिणाम मिलने की आशंका बनती है। इसके अलावा ये भी देखा गया है कि जब किसी कुंडली में बुध दुर्बल अवस्था में होते हैं तो जातक को तंत्रिका तंत्र संबंधी, त्वचा संबंधी, कान और फेफड़ों से संबंधित कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। वहीं अगर बुध किसी भी जातक की कुंडली में मजबूत भाव में रहते हैं तो जातक की बुद्धि और वाणी बहुत ही तीव्र होती है।
ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार बुध देव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह माने गए हैं। बुध देव ज्ञान और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार बुध ग्रह का 68 दिन से मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं। इसमें 15 जनवरी को बुध ग्रह मकर राशि में ही वक्री हुए थे जो 4 फरवरी को पुनः मार्गी होंगे। अब बुध देव साल 2022 में 04 फरवरी दिन शुक्रवार की सुबह 09 बजकर 16 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। आइए जानते हैं किन राशियों क्या प्रभाव पड़ेगा-
कन्या (Virgo): कन्या राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम/लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके पांचवें भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान इस राशि के जातकों को अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत होगी। कार्यस्थल पर गलतियां होने की संभावनाएं हैं, इसके अलावा आपकी छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के कुछ अनबन की संभावनाएं हैं। इसके कारण आपको अपने परिवार में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
वृश्चिक (Scorpius): वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके तीसरे भाव में मार्गी होंगे। नौकरीपेशा वाले जातकों को ऊपर नौकरी का दबाव अधिक हो सकता है। ऐसे में आपके मन में नौकरी बदलने का ख़्याल आना स्वाभाविक है। इस दौरान आपको धैर्य से काम लेना है। इसके अलावा इस दौरान आपको धन लाभ कम नुकसान ज्यादा हो सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ सकती है, ज़रूरी होगा कि अपने खानपान पर ध्यान दें तथा योग, व्यायाम आदि करें।
धनु (Sagittarius): धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके दूसरे भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान जातकों को आर्थिक समस्याओं से गुज़रना पड़ सकता है। अपने कार्यों को समय से पूरा करें अन्यथा मुश्किलें बढ़ सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से इस दौरान आंखों से जुड़ी कोई समस्या होने के संकेत मिल रहे हैं।