ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहों का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही व्यक्ति की जन्मकुंडली में कुछ ग्रह शुभ और अशुभ दोनों स्थिति में विराजमान होते हैं। साथ ही हर ग्रह की महादशा और अंतर्दशा का भी व्यक्ति को सामना करना पड़ता है। किसी ग्रह की दशा व्यक्ति को लाभदायक रहती है तो किसी ग्रह की हानिकारक। यहांं हम बात करने जा रहे हैं बुध ग्रह की महादशा के बारे में, जो 17 साल की होती है। हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है।
वहीं अगर व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह नकारात्मक स्थित हों तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही उसके उच्चारण में परेशानी होती है और वह गणित विषय में कमजोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं बुध की महादशा का जीवन में प्रभाव और उपाय…
बुध ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र अनुसार हर इंसान को बुध ग्रह की दशा का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि बुध ग्रह अपनी महादशा में कैसा फल जातक को प्रदान करेंगे। ये इस बात पर निर्भर करेगा कि जातक की कुंडली में बुध किस राशि से साथ स्थित है। साथ ही उस पर किस ग्रह की दृष्टि है।
आपको बता दें कि अगर बुध ग्रह कुंडली में अशुभ विराजमान हैं तो जातक को बुध की दशा में नकारात्मक फल देखने को मिलते हैं। साथ ही उसको व्यापार में सफलता देखने को मिलती है। साथ ही व्यक्ति को नाक,कान और चर्म रोग हो सकते हैं।
बुध शुभ स्थित होने पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत हो तो व्यक्ति संवाद में अच्छा होता है। साथ ही वह हाज़िर जवाबी होता है। व्यक्ति व्यापार में अच्छा धन कमाता है। वह गणित विषय में अच्छा होता है। व्यक्ति की गणना करने की शक्ति तीव्र होती है।
बुध ग्रह के उपाय
बुग्र मजबूत करने के लिए बुध ग्रह के बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः! की एक माला रोज करनी चाहिए। साथ ही बुध ग्रह से संबंधित दान जैसे- हरी मूंग की दाल, हरी कोई सब्जी, हरे रंग का कोई कपड़ा बुधवार के दिन दान कर सकते हैं।