Bhai Dooj 2018 Tikka Muhurat, Time, Puja Vidhi: जानिए भाई दूज पूजन का शुभ मुहूर्त, इस समय तिलक करने से बढ़ेगा प्यार
Bhai Dooj 2018 Puja Vidhi, Tikka Muhurat, Time: भारत में इस त्योहार का काफी महत्व है। इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है और भाई बहनों को तोहफे देते हैं।

Bhai Dooj 2018 Puja Vidhi, Tikka Muhurat, Time: इस साल भाई-बहन के बीच प्यार का पर्व, भाई दूज 9 नवंबर को है। भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह में दिवाली से दूसरे दिन मनाया जाता है। भारत में इस त्योहार का काफी महत्व है। इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है और भाई बहनों को तोहफे देते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक इस त्योहार की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना से हुई थी। सबसे पहले यमुना ने माथे पर तिलक लगाकर और खाना परोसकर यमराज का अतिथि आदर सत्कार किया था। बदले में यम ने उन्हें भेंट दिए और हर साल बहन के घर आने का वादा किया। माना जाता है कि इसी वजह से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।
इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा को लेकर भी भाई दूज की एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि नराकासुर को मारने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने पहुंचे थे। उनकी बहन ने उनका फूलों और आरती से स्वागत किया था और उनके माथे पर टीका किया था। जिसके बाद से इस त्योहार को मनाया जाने लगा और इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज 2018 शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शुरू- दोपहर 1:10 मिनट
शुभ मुहूर्त समाप्त- दोपहर 3:27 मिनट
शुभ मुहूर्त की अवधि- 2 घंटे 17 मिनट
टिका शुभ मुहूर्त
इस वर्ष 9 नवंबर को भाई दूज का पर्व है और इस दिन अगर भाई को टीका शुभ मुहूर्त में करेंगे तो इस दिन की पूजा जरूर सफल होगी। इस दिन शुभ मुहूर्त है 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज मंत्र
‘गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें।’
Highlights
खुशनसीब होती है वो बहन, जिसके सिर पर भाई का हाथ होता है, हर परेशानी में उसके साथ होता है, लड़ना-झगड़ना फिर प्यार से मनाना, तभी तो इस रिश्ते में इतना प्यार होता है। हैप्पी भाई दूज!
भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह में मनाया जाता है। भारत में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कई लोग इसे भाऊ दूज, भाई टीका, टीका और भाई फोटा के नाम से मनाते हैं।
एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। भाई को आया देख यमुना बहुत खुश हुईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। मान्यता है कि तभी से भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा।
भाई दूज पर बहन द्वारा भाई को तिलक लगाने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि तिलक लगाने से भाई की उम्र बढ़ती है। कहते हैं कि इससे भाई किसी भी तरह की दुर्घटनाओं से बचा रहता है।
हिंदू धर्म के अनुसार भाई दूज पर यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन ब्रज मंडल में बहनें अपने भाई के साथ यमुना स्नान करती है।
इस वर्ष 9 नवंबर को भाई दूज का पर्व है और इस दिन अगर भाई को टीका शुभ मुहूर्त में करेंगे तो इस दिन की पूजा जरूर सफल होगी। इस दिन शुभ मुहूर्त है 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज के दिन बहनें सुबह स्नान करके विष्णु और गणेश जी की पूजा करती हैं। इसके बाद भाई को तिलक लगाती हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और अच्छे भाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं।
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण नराकासुर को मारने के बाद जब अपनी बहन सुभद्रा से मिलने पहुंचे थे। उनकी बहन ने उनका फूलों और आरती से स्वागत किया था और उनके माथे पर टीका किया था।
भाई - बहन के बीच के इस प्यार के त्योहार को दिवाली त्योहार से ठीक दूसरे दिन मनाया जाता है। जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। इसे भ्रातृ द्वितीया और यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।