वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी एक ही रेखा में आ जाते हैं। वहीं खगोलीय रूप से सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब पृथ्वी का एक हिस्सा चंद्रमा की छाया से घिर जाता है जो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से रोकने का काम करता है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का काफी महत्व माना जाता है और मनुष्य पर इसका प्रभाव भी पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में और जानकारों के द्वारा सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक सूर्य और चंद्र ग्रहण को शुभ और अशुभ दोनों की श्रेणी में रखा गया है, चूंकि पौराणिक कथाओं में वर्णित जानकारी के मुताबिक सूर्य और चंद्र ग्रहण की यह घटना समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है।
सूर्य ग्रहण की तिथि और समय
30 अप्रैल 2022 रात (1 मई 2022, सुबह)
सूर्य ग्रहण का दिन: शनिवार/रविवार
सूर्य ग्रहण का समय: 00:15:19 से 04:07:56 भारतीय समयानुसार
सूर्य ग्रहण की समय अवधि: 3 घंटे 52 मिनट
गर्भवती महिलाओं को इन चीजों के प्रति बरतनी चाहिए सावधानी
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप बाहर जाने की मनाही होती है, चूंकि ज्योतिष के अनुसार यह बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। मान्यताओं के अनुसार बाहर जाने के बाद सूर्य विकिरण के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर पर कुछ लाल धब्बे या फिर त्वचा से संबंधित कोई समस्या होने की आशंका बनी रहती है और यह समस्या संतान के जीवन भर बनी रह सकती है।
मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को उठते-बैठते समय भी विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, कहा जाता है कि पैर मोड़कर बैठे से या गलत तरीके से बैठे से गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। जन्म के बाद बच्चा विकलांग भी हो सकता है। इसलिए ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक महिलाओं को इस दौरान बेहद सावधानी के साथ उठना बैठना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक सूर्य ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली या धारदार चीजों से दूर रहने या उसके इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कैंची, चाकू, छुरी, इत्यादि का प्रयोग करने से बचना चाहिए।