Mars Zodiac Sign: वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य का कारक होता है। साथ ही मंगल मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी होते हैं। इसलिए वृश्चिक और मेष राशि में जन्म लेने वाला जातक सुंदर, आकर्षक और कलात्मक होता है। मेष और वृश्चिक राशि के लोग स्वतंत्र विचार वाले होते हैं, सही और गलत को लेकर इनका अपना दृष्टिकोण होता है। इन लोगों की नेतृत्व क्षमता बहुत अच्छी होती है और ये लोग जीवन में स्वयं अपना रास्ता तय करते हैं। साथ ही इन दोनों राशियों पर मंगल देव की कृपा होती है और पैसा कमाने में माहिर होते हैं। आइए जानते हैं इन दोनों राशि से जुडे़ जातकों की खास बातें…
मेष राशि (Mesh Rashi): मेष राशि के जातक मंगल ग्रह के प्रभाव ऊर्जावान और शारीरिक रूप से ताकतवर होते हैं। इन लोगों में गजब की नेतृत्व शक्ति पाई जाती है। ये हर काम में हमेशा पहल करने को तैयार रहते है। मंगल देव इनको निडर और साहसी बनाते हैं। लेकिन इनको किसी का आदेश सुनना पसंद नहीं होता। इनको स्वतंत्रता पसंद होती है। ये किसी के दबाव में काम नहीं कर सकते।
किसी के सामने झुकना नहीं होता पसंद:
मेष राशि के जातक किसी के सामने झुकना भी पसंद नहीं करते, चाहे इनका नुकसान ही क्यों ना हो जाए। ये लोग स्पष्ट वक्ता होते हैं। ये लोग अगर प्रॉपर्टी का बिजनेस करें तो इन्हें भूमि पुत्र मंगल देवता के प्रभाव से अच्छी सफलता मिल सकती है। जॉब की बात करें ये लोग सेना, पुलिस, इंजीनियर और मेडिकल लाइन में अपना करियर बनाएं तो विशेष सफलता मिल सकती है।
वृश्चिक राशि (Vrishchik Rashi): वृश्चिक राशि वाले जातकों का व्यक्तित्व मंगल देव के प्रभाव से आकर्षक होता है। ये अपनी भावनाओं को छुपाकर रखते हैं, इसलिए इन्हें समझना थोड़ा कठिन होता है। कई बार परिस्थितियां इनके अनुकूल होती हैं लेकिन फिर भी इन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है और ये लोग दुविधा में पड़ जाते हैं। साथ ही ये अपने शरीर एवं कार्यों पर विशेष ध्यान देते हैं। इस राशि के जातक रिलेशनशिप में हमेशा कश्मकश की स्थिति में रहते हैं।
होते हैं निर्भीक और साहसी:
वृश्चिक राशि वालों का सेंस ऑफ़ ह्यूमर कमाल का होता है और अपने काम में ये एक दम कुशल होते हैं। साथ ही ये लोग समाज की परवाह नहीं करते, इनको जो करना है यह वो करते हैं। साथ ही ये लोग भी मेष राशि के जातकों की तरह निर्भीक और साहसी होते हैं। ये लोग अगर अपना करियर इंजीनियर, डॉक्टर, सेना, पुलिस या प्रॉपर्टी डीलर के फील्ड में बनाएं तो मंगल देव के प्रभाव से विशेष सफलता मिल सकती है। साथ ही इनके जीवन में मंगल ग्रह के प्रभाव से धन की कभी कमी नहीं रहती। पैसों के मामले में ये काफी लकी माने जाते हैं।
ज्योतिष में मंगल ग्रह:
मंगल मकर राशि में उच्च के होते हैं तो कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है। 27 वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी होते हैं। सूर्य और चंद्र मंगल के मित्र ग्रह हैं और बुध ग्रह इनके शत्रु माने जाते हैं। मंगल के गोचर काल की अवधि लगभग 45 दिन की होती है। साथ ही मंगल की महादशा 7 वर्ष की होती है। अगर कुंडली में मंगल सकारात्मक स्थित हैं तो व्यक्ति निडरता से अपने निर्णय लेता है। वह ऊर्जावान रहता है। इससे जातक उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। विपरीत परिस्थितियों में भी जातक चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करता है और उन्हें मात भी देता है। वहीं मांगलिक दोष मनुष्य जीवन के दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। मंगल दोष व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अन्य प्रकार की रुकावटों का कारण होता है।
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