Lucky Women According To Samudrik Shastra: मान्यताओं अनुसार सामुद्रिक शास्त्र की रचना भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय जी ने की थी। इस ग्रंथ में मानव शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट के आधार पर उसके गुण, अवगुण और स्वभाव के बारे में बताया गया है। जिस तरह से हाथ की रेखाओं से किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जाना जा सकता है उसी तरह से हाथों, उंगलियों, चेहरे इत्यादि की बनावट से भी बहुत कुछ जानकारी हासिल की जा सकती है। जानिए सामुद्रिक शास्त्र में कैसी स्त्रियों को सौभाग्यशाली बताया गया है।
-पूर्णचंद्रमुखी या च बालसूर्य-समप्रभा।
विशालनेत्रा विम्बोष्ठी सा कन्या लभते सुखम् ।1।
या च कांचनवर्णाभ रक्तपुष्परोरुहा।
सहस्त्राणां तु नारीणां भवेत् सापि पतिव्रता ।2।
इस श्लोक का मतलब है कि जिन लड़कियों का मुख चंद्रमा के समान गोल, रंग गोरा, आंखें बड़ी-बड़ी और होंठ हल्की सी लालिमा लिए हुए होते हैं ऐसी लड़कियों को जीवन में सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं। जिन स्त्रियों के शरीर का रंग सोने की तरह चमकदार होता है और हाथ कमल के फूल की तरह गुलाबी रंग के हों ऐसे स्त्री पतिव्रता होती है। यानी ऐसी स्त्री अपने पति के प्रति पूरी तरह से समर्पित होती है।
-पूर्णचंद्रमुखी या च बालसूर्य-समप्रभा।
विशालनेत्रा विम्बोष्ठी सा कन्या लभते सुखम् ।1।
या च कांचनवर्णाभ रक्तपुष्परोरुहा।
सहस्त्राणां तु नारीणां भवेत् सापि पतिव्रता ।2।
अर्थ- इस श्लोक के अनुसार जिस कन्या का मुख चंद्रमा के समान गोल, रंग गोरा, आंखें बड़ी और होंठ हल्की लालिमा लिए हुए होते हैं तो ऐसी लड़कियों को अपने जीवन काल में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। जिस स्त्री के शरीर का रंग सोने के समान चमकदार हो और हाथ कमल के समान गुलाबी रंग के हों तो ऐसी स्त्री पतिव्रता होती है।
-रक्ता व्यक्ता गभीरा च स्निग्धा पूर्णा च वर्तुला ।1।
कररेखांनाया: स्याच्छुभा भाग्यानुसारत ।2।
अंगुल्यश्च सुपर्वाणो दीर्घा वृत्ता: शुभा: कृशा।
इस श्लोक का मतलब है कि जिन स्त्रियों के हाथ की रेखाएं लाल, चिकनी, स्पष्ट, गहरी और गोलाकार हो तो ऐसी स्त्रियों को भाग्यवान माना जाता है। इन्हें जीवन में तमाम सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं। साथ ही जिन स्त्रियों की उंगलियां लंबी, सुंदर, गोल और पतली होती हैं ऐसे स्त्रियां सौभाग्यशाली मानी जाती हैं। ये दूसरों के लिए भी लकी होती हैं।
ललनालोचने शस्ते रक्तान्ते कृष्णतारके।
गोक्षीरवर्णविषदे सुस्निग्धे कृष्ण पक्ष्मणी ।1।
राजहंसगतिर्वापि मत्तमातंगामिनि।
सिंह शार्दूलमध्या च सा भवेत् सुखभागिनी ।2।
इसका मतलब है कि जिन स्त्री की आंखों के ऊपर नीचे की त्वचा हल्की लाल रंग की, आंखों की पुतली काले रंग की और आंख का सफेद भाग गाय के दूध के समान और भौहें काले रंग की हो तो ऐसी स्त्री किस्मत वाली मानी जाती है। जो स्त्री मतवाले हाथी के समान चलने वाली हो और उसकी कमर बाघ के समान पतली हो तो ऐसी स्त्री को जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं।
-गौरांगी वा तथा कृष्णा स्निग्धमंग मुखं तथा।
दंता स्तनं शिरो यस्यां सा कन्या लभते सुखम् ।1।
मृदंगी मृगनेत्रापि मृगजानु मृगोदरी।
दासीजातापि सा कन्या राजानं पतिमाप्रुयात् ।2।
जिन स्त्री का रंग गौरा अथवा सांवला हो, मुंह, दांत और माथा चिकना हो ऐसी स्त्री भी भाग्यवान मानी जाती है ये अपने कुल का नाम रोशन करती हैं। जिस नारी के अंग कोमल तथा आंख, जांघ और पेट हिरन के समान हो वो स्त्री दासी के गर्भ से जन्म लेकर भी राजा के समान पति प्राप्त करती है।
अंभोज: मुकुलाकारमंगष्टांगुलि-सम्मुखम्।
हस्तद्वयं मृगाक्षीणां बहुभोगाय जायते ।1।
मृदु मध्योन्नतं रक्तं तलं पाण्योररंध्रकम्।
प्रशस्तं शस्तरेखाढ्यमल्परेखं शुभश्रियम् ।2।
जिन स्त्रियों के हाथ का अंगूठा और उंगलियां कमल की डंडी के समान पतली और खूबसूरत हो ऐसी स्त्रियां सौभाग्यशाली मानी जाती हैं। जिस महिला की हथेली कोमल, हल्की सी लाल, साफ और हथेली के बीच का भाग उठा हुआ हो और हाथ में अच्छी रेखाएं हों ऐसी स्त्री भी बहुत भाग्यवान मानी जाती हैं।