दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार का बजट आज पेश होना था लेकिन इसमें पेंच फंस गया है। दरअसल बजट पर गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए ज्यादा राशि क्यों आवंटित की गई है? वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और गृह मंत्रालय झूठ बोल रहा है।
जब दिल्ली सरकार का बजट अनुमोदन के लिए गृह मंत्रालय के पास गया तो पूछा गया कि विकास कार्यों की अपेक्षा बजट पर इतना खर्च क्यों किया जा रहा है? इस सवाल के बाद बजट के अनुमोदन को रोक दिया है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद वित्त मंत्री कैलाश गहलोत की ओर से एक बयान जारी किया गया और स्पष्टीकरण दिया गया बयान में कहा गया, “गृह मंत्रालय झूठ बोल रहा है। कुल 78800 करोड़ रुपये का बजट है और इसमें 22000 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे। विज्ञापन पर सिर्फ 550 करोड़ खर्च होंगे। पिछले साल भी विज्ञापन का बजट इतना ही था। विज्ञापन के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।”
दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट भी किया और कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार MHA ने दिल्ली सरकार को कल अपना वार्षिक बजट पेश करने से रोक दिया है। गृह मंत्रालय को मंजूरी के लिए बजट 10 मार्च को काफी पहले भेज दिया गया था।हालांकि गृह मंत्रालय की चिंताओं वाली फाइल आज शाम 6 बजे ही मेरे पास रखी गई। हमने गृह मंत्रालय की चिंताओं का जवाब दिया है और सीएम की मंजूरी के बाद आज रात 9 बजे दिल्ली के एलजी को फाइल वापस सौंप दी है। यह बहुत स्पष्ट है कि गृह मंत्रालय द्वारा उठाई गई चिंताएँ अप्रासंगिक हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि केवल अगले साल के लिए दिल्ली सरकार के बजट को खराब करने के लिए किया गया है। भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन।”
बता दें कि दिल्ली में विधानसभा का चालू बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त हो जायेगा। सोमवार को वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने केजरीवाल सरकार का आउटकम बजट पेश किया और दिल्ली विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में आर्थिक सर्वे 2022-23 की रिपोर्ट भी पेश की। वहीं बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार झूठ बोल रही है और कोई फाइल भेजी नहीं गई है।