23 जून को उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिनमें एक रामपुर लोकसभा सीट है और दूसरी आजम गढ़ लोकसभा सीट जहां से अखिलेश यादव सांसद थे। रामपुर से सपा नेता आजम खान सांसद हुआ करते थे। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते जिसकी वजह से आजम खान को रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा और इस वजह से ये सीट खाली हो गई और इस पर उपचुनाव होने हैं। बीजेपी ने यहां से मुख्तार अब्बास नकवी को टिकट नहीं देकर घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। बीजेपी के इस निर्णय पर बहुत से लोगों को आश्चर्य भी हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार कुमी कपूर ने इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम में बताया कि अखिलेश यादव ने रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए खाली फॉर्म आजम खान को दिया था और कहा था उपचुनाव के लिए अपने पसंद के उम्मीदवार का नाम भर दो. वहीं कुछ लोगों को इस बात को लेकर संदेह भी हो रहा है कि रामपुर लोकसभा सीट से मुख्तार अब्बास नकवी को नहीं लड़ाए जाने के पीछे आजम खान का बीजेपी के साथ एक गुप्त समझौता है। रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। सियासी गलियारों में इस बात को लेकर लगातार हलचल है कि आखिर रामपुर से बीजेपी ने नकवी को क्यों नहीं उतारा?
कभी आजम खान के खास हुआ करते थे घनश्याम लोधी
ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पीछे बीजेपी का आजम खान के साथ कोई गुप्त समझौता हुआ है। इस समझौते पर ध्यान इसलिए ज्यादा जाता है क्योंकि रामपुर विधानसभा चुनाव जेल में रहकर जीतने वाले सपा नेता आजम खान को पिछले महीने योगी सरकार के लगाए गए 81 मामलों में एक साथ जमानत दे दी गई है। घनश्याम लोधी कभी सपा के एमएलसी हुआ करते थे और आजम खान के करीबियों में से एक हैं। जब आजम खान जेल में थे तब वो खुद को उनका ‘हनुमान’ बताते थे। जबकि अखिलेश यादव कभी भी आजम खान से मुलाकात करने जेल नहीं गए थे। कपिल सिब्बल की जमानत याचिका के खिलाफ केंद्र सरकार ने कमजोर रिज्वाइंडर लगाया था।
अखिलेश यादव ने भेजा ब्लैंक फॉर्म और कहा अपनी पसंद का …
आजम खान की रिहाई के बाद अखिलेश यादव ने एक खाली उम्मीदवार का फॉर्म भेजा और आजम खान को अपनी जगह पर चुनाव लड़ने के लिए अपनी पसंद का नाम भरने को कहा। अखिलेश यादव को इस बात की उम्मीद थी कि वो अपनी पत्नी का नाम भरेंगे लेकिन आजम खान ने समय का इंतजार किया और आखिरी क्षणों में आसिम रजा का नाम उपचुनाव के लिए भर दिया। आसिम खान उम्मीद के मुताबिक एक कमजोर कैंडिडेट माने जा रहे हैं।