भारत के सीमावर्ती राज्यों में ड्रग्स की सप्लाई एक बड़ी समस्या है। बीती 24 मई को बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल में एक स्थानीय युवक को इसी सिलसिले में गिरफ्तार किया। बीएसएफ के लिए ये गिरफ्तार कोई आसान काम नहीं थी। दरअसल जैसे ही बीएसएफ ने ड्रग्स सप्लाई काम में लिफ्ट युवक को गिरफ्तार किया, तुरंत स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई और विरोध करने लगी।
मामला पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के बीरा गांव का है। यहां BSF के जवानों और स्थानीय लोगों के एक समूह के बीच 24 मई को उस समय तनाव हो गया जब जवान ड्रग तस्करों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे थे।
BSF द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत 107 बटालियन की बॉर्डर आउटपोस्ट रामचंद्रपुर के जवानों को जानकारी मिली कि बॉर्डर के पास बीरा गांव में एक सुनसान घर में बड़ी मात्रा में गांजा रखा हुआ है।
मुखबीरों से मिली सूचना के जवाब में, जवानों ने उस स्थान के चारों तरफ से घात लगाकर हमला किया और लगभग 9:45 बजे वे टिन हाउस के पास पहुंचे और दो तस्करों को प्लास्टिक के पैकेट में गांजा पैक करते हुए देखा।
BSF द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “जैसे ही जवान उनके पास पहुंचे, उनमें से एक तस्कर घटनास्थल से भाग गया जबकि दूसरे को जवानों ने पकड़ लिया। जब BSF के जवान आसपास के इलाके की तलाशी ले रहे थे, तभी लगभग 150-200 पुरुषों और महिलाओं की भीड़ जमा हो गई और पकड़े गए तस्कर को छोड़ने की मांग करने लगी।”
बयान में बताया गया है कि बीएसएफ जवानों ने भीड़ को शांत करने का प्रयास किया लेकिन वो धीरे-धीरे उनकी तरफ बढ़ने लगी। भीड़ में मौजूद लोगों के पास लाठी-डंडे थे। उनमें से बहुत सारे लोग ‘मारो-मारो’ चिल्ला रहे थे। जब जवानों को महसूस हुआ कि भीड़ उनकी तरफ हमले के मकसद से बढ़ रही है तो एक जवान ने हवा में एक राउंड फायर किया लेकिन भीड़ पीछे नहीं हटी। इसी दौरान जब जवानों ने गिरफ्तार तस्कर और जब्त किए गए सामान को बॉर्डर आउट पोस्ट की ओर ले जाना शुरू किया तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।
बीएसएफ की तरफ से आगे बताया कि पथराव शुरू होने पर जवानों ने एक औऱ राउंड फायर किया लेकिन भीड़ तस्कर को छुड़ाने के लिए अड़ी रही। इसी वजह से BSF जवानों ने एक के बाद एक कई और राउंड हवा में दागे और गिरफ्तार किए गए तस्कर को मादक पदार्थ के साथ बॉर्डर आउट पोस्ट तक लाने में सफल रहे।
BSF द्वारा गिरफ्तार तस्कर की उम्र 22 साल है। उसकी पहचान रामचंद्रपुर गांव निवासी मिसांतो घोष के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान मिसांतो ने कबूल किया कि वह 2021 से तस्करी में शामिल है। वह बीरा गांव के शहीद मंडल (लालतू) के लिए काम करता है। लालतू ओडिशा से गांजा खरीदता है। इस दौरान उसने यह भी बताया कि घटनास्थल से भागने वाले दूसरे तस्कर का नाम रोनी मंडल है। BSF ने मिसांतो को बनगांव पुलिस थाना पुलिस को सौंप दिया है।