समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से तकरार के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने सपा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम गठबंधन में नहीं सपा में थे। शिवपाल ने सपा पर उन्हें गठबंधन और विधायक दल की बैठकों से बाहर करने का भी आरोप लगाया। प्रसपा प्रमुख ने अखिलेश के साथ अनबन, आजम खान और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उनकी योजनाओं के बारे में इंडियन एक्सप्रेस से बात की।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी योजनाओं पर बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि मैं परिस्थितियों के अनुसार सही समय पर फैसला लूंगा और अपनी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से बात करूंगा। सपा गठबंधन का हिस्सा नहीं होने के सवाल पर प्रसपा प्रमुख ने कहा, “मुझे उस मीटिंग में नहीं बुलाया गया था। संयोग से मैं अखिलेश से मिलने गया था और मुझे उस बैठक में बिना निमंत्रण के जगह दी गई।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कभी नहीं बुलाया गया: उन्होंने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया, लेकिन आप मुझे कभी कहीं नहीं देखेंगे। मुझे कभी प्रेस कांफ्रेंस के लिए नहीं बुलाया गया। मुझे सहयोगियों के साथ बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कभी आमंत्रित नहीं किया गया। भतीजे अखिलेश के साथ तनाव के बीच क्या कभी नेताजी ने समझौता कराने की कोशिश की? इस सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा, “उन्होंने कई बार मीटिंग आयोजित कीं। नेता जी अपनी बात पर कायम रहते हैं। मैं भी हूं, लेकिन अखिलेश में इस गुण का अभाव है।”
शिवपाल यादव ने कहा कि आपका वादा बहुत मायने रखता है, यह एक आदमी के लिए सबसे ऊपर होता है और राजनीति में जरूरी है। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने कोई वादा पूरा नहीं किया। इस वजह से ही वह सत्ता से दूर हैं।
आजम खान का मुद्दा संसद में उठाना चाहिए: आजम खान के साथ नया मोर्चा बनाने की संभावनाओं पर शिवपाल यादव ने कहा कि पहले उन्हे जेल से बाहर आने दो। इसके बाद चर्चा होगी। उन्होंने कहा, “मैं आजम भाई से दो बार मिल चुका हूं। वह यूपी विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक हैं। वह 10 बार विधायक रह चुके हैं और लोकसभा और राज्यसभा के लिए भी चुने गए थे। शिवपाल यादव ने आगे कहा कि आजम खान समाजवादी हैं और नेता जी के साथ काम कर चुके हैं। इसलिए मैंने कहा कि नेता जी के नेतृत्व में उनका मुद्दा संसद में उठाना चाहिए था।