Kerala News: केरल (Kerala) की राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में विझिंजम पुलिस स्टेशन (Vizhinjam Police Station) को रविवार रात अडानी बंदरगाह (Adani Port) पर विरोधी प्रदर्शनकारियों (Protesters) ने घेर लिया और हमला (Attack) कर दिया। विझिंजम (Vizhinjam) में अडानी बंदरगाह के निर्माण के खिलाफ हिंसक विरोध के सिलसिले में पहले से बुक किए गए पांच लोगों की रिहाई की मांग को लेकर आंदोलनकारी स्टेशन परिसर पहुंचे।
हमले (Attack) में 29 पुलिसकर्मी (Police Man) घायल
रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में अब तक कम से कम 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जबकि पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गये हैं। हिंसक भीड़ ने पुलिस की 4 जीप, 2 वैन और 20 मोटरसाइकिलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने पर भी हमला किया और थाने के कार्यालय कक्ष में फर्नीचर और अन्य दस्तावेजों सहित कई सामग्रियों को नष्ट कर दिया। रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि दो पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है। घायल अधिकारियों में सहायक आयुक्त और विझिंजम स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक शामिल हैं।
200 अतिरिक्त पुलिसकर्मी (Police Man) तैनात
रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि इस मामले में अप्रत्याशित घटनाओं के बाद, क्षेत्र में 200 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि लैटिन चर्च के कई पुजारियों सहित पुलिस स्टेशन के पास भीड़ डेरा डाले रही। ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को थाने के अंदर ही रहने को कहा गया। ग्राउंड पर मौजूद पुलिस इकाइयों का नेतृत्व तिरुवनंतपुरम डीसीपी कर रहे हैं।
चार्जशीट (charge sheet) में 50 Priest के नाम दर्ज
News-18 की रिपोर्ट के मुताबिक केरल पुलिस ने लैटिन महाधर्मप्रांत के आर्कबिशप डॉ. थॉमस जे नेटो के साथ शनिवार (26 नवंबर) को बंदरगाह समर्थक और बंदरगाह विरोधी समूहों के बीच झड़प के बाद मुख्य आरोपी के रूप में मामला दर्ज किया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक चार्जशीट में लगभग 50 पुजारियों का नाम है। उन पर हत्या के प्रयास, साजिश और आपराधिक संघ सहित कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। बताया जा रहा है कि इससे आंदोलनकारियों का गुस्सा भी भड़क गया। इन प्रदर्शनकारियों में स्थानीय निवासी, मुख्य रूप से मछुआरे और लैटिन कैथोलिक सूबा के सदस्य शामिल हैं। प्रदर्शनकारी अडानी-विझिंजम बंदरगाह निर्माण को रोकने और तटीय कटाव का अध्ययन करने की मांग कर रहे हैं