आजमगढ़ पुलिस ने शनिवार को एक ग्राम प्रधान और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया। जिले के रौनापार इलाके में स्थित एक मंदिर पर लगे बीजेपी को झंडे को उतारने को लेकर दो दिन पहले हुए बवाल के मामले में यह गिरफ्तारियां की गई हैं। पुलिस ने कहा कि घटना उस वक्त हुई जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मांग की कि मौकुदुबपुर गांव में मंदिर पर लगे पार्टी के झंडे को बीजेपी कार्यकर्ता हटा दें। हालांकि, इस टकराव में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। पुलिस के मुताबिक, ग्राम प्रधान सर्वेश (50) और उनके बेटे आशीष (22) को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार को पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। इनमें सपा के पूर्व विधायक अभय नारायण पटेल भी शामिल हैं। 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। स्थानीय निवासी अंबुज गौड़ ने रौनापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की। एसएचओ दिनेश पाठक ने इस बात की जानकारी दी है।
पुलिस ने संबंधित धाराओं के अलावा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का मामला भी दर्ज किया है। एसपी कार्यकर्ताओं ने इस संदर्भ में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। सर्किल ऑफिसर शीतला प्रसाद पांडे ने बताया कि ग्राम प्रधान और उनके बेटे को गिरफ्तारी के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। इस मामले में जांच शुरू हो गई है और पुलिस आरोपों की जांच कर रही है।
एसएचओ के मुताबिक, उन्हें शुक्रवार शाम गांव में संघर्ष की खबर मिली थी। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो स्थानीय लोगों की दखल की वजह से विवाद सुलझ चुका था। एसएचओ ने बताया, ‘अंबुज गौड़ की शिकायत में कहा गया है कि वह और कुछ दूसरे बीजेपी कार्यकर्ता शुक्रवार शाम मंदिर के पास खड़े थे, जब अभय नारायण पटेल और कुछ एसपी कार्यकर्ता वहां आए। एसपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें मंदिर से बीजेपी के झंडे को हटाने के लिए कहा। साथ ही एसपी प्रत्याशी के प्रचार के लिए साथ चलने को कहा। जब इनकार किया गया तो एसपी कार्यकर्ता बहस करने लगे और बाद में उनपर हमला किया। अंबुज के मुताबिक, वह भागकर अपने घर में छिप गए लेकिन उन लोगों ने पीछा किया और घर में घुसकर मारा।’ पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में ग्राम प्रधान और उनके बेटे के वारदात में शामिल होने की बात सामने आई है।
वहीं, समाजवादी पार्टी के आजमगढ़ जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता गांव में मीटिंग कर रहे थे कि तभी बीजेपी का झंडा लिए कुछ युवक वहां पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दिया। पूर्व विधायक और उनके लोगों ने युवकों को वहां से जाने के लिए कहा ताकि मीटिंग शांतिपूर्ण तरीके से की जा सके। इसके बाद दोनों पक्षों में बहस हुई। यादव के मुताबिक, मंदिर से झंडा हटवाने और उन्हें प्रचार के लिए साथ चलने के लिए कहने का आरोप झूठा है।

