उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को वाराणसी के पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) को एक वायरल वीडियो की जांच करने का निर्देश दिया। इस वायरल वीडियो में कथित तौर पर आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह (IPS officer Aniruddh Singh) को 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगते हुए दिखाया गया है। अनिरुद्ध सिंह की पत्नी आरती सिंह, जो वाराणसी में पुलिस उपायुक्त के रूप में तैनात हैं, उनके खिलाफ कथित रूप से मकान का किराया नहीं देने के आरोप में एक और जांच का आदेश दिया गया था।
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक बयान में अनिरुद्ध सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वीडियो पुराना है जिसमें वह जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे एक बलात्कार के आरोपी को फंसाने की कोशिश कर रहे थे।
रविवार को यूपी पुलिस मुख्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया, “मेरठ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मेरठ ग्रामीण) के पद पर तैनात आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ, जिसमें वह वीडियो कॉल पर किसी से बात करते नजर आ रहे हैं। वीडियो के आधार पर आईपीएस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है ये मामला दो साल पुराना है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी पुलिस आयुक्त को जांच कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया।”
2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह बिहार के मूल निवासी हैं। सूत्रों ने बताया कि इसी साल जनवरी में उनका तबादला फतेहपुर जिले से मेरठ कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो उस घटना से जुड़ा है जब अनिरुद्ध सिंह वाराणसी में तैनात थे। आरोप है कि अनिरुद्ध सिंह यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे एक शख्स से बात कर रहे थे। एक पुलिस अधिकारी ने दावा करते हुए कहा, “लगभग दो साल पहले जब वीडियो पहली बार सामने आया था, तो वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने जांच कराई थी। जांच के दौरान कुछ भी गंभीर नहीं पाया गया।”
रविवार को वीडियो वायरल होते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यूपी में पैसे की मांग करने वाले एक आईपीएस अधिकारी के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजरों की दिशा उसकी ओर बदल जाएगी या फरार आईपीएस अधिकारियों की सूची में एक और नाम जुड़ जाएगा और भाजपा भी इस मामले से छुटकारा पा लेगी? यूपी के लोग अपराध के प्रति बीजेपी की जीरो-टॉलरेंस की हकीकत देख रहे हैं।”