सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के छात्र की याचिका पर कोर्ट के आदेश के बाद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर नितिन कर्मालकर और चार पदाधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी (अत्याचार निरोधक) एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 25 साल के आकाश भोसले ने पुणे के सेशन कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। आकाश विश्वविद्यालय के मराठी विभाग का स्टूडेंट है। वह खुद को फ्रीलांस पत्रकार भी बताता है। भोसले उन स्टूडेंट्स में शामिल था, जिनके खिलाफ यूनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर अप्रैल में हुए प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया था। विश्वविद्यालय के कैंटीन से जुड़े नियमों में बदलाव को लेकर यह प्रदर्शन किया गया था।

भोसले का आरोप है कि उसे जानबूझकर फंसाया गया क्योंकि वह एससी समुदाय से ताल्लुक रखता है। उसका यह भी कहना है कि उसने पूर्व में बतौर फ्रीलांस जर्नलिस्ट यूनिवर्सिटी में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लोगों के सामने रखा था, इसलिए भी उसे फंसाया गया। उसकी शिकायत पर फैसला देते हुए अदालत ने 29 जून को पुलिस को आदेश दिया कि पुलिस यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों के खिलाफ आरोपों की जांच करे।

पुलिस ने वाइस चांसलर के अलावा जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, इनमें रजिस्ट्रार प्रफुल्ल पवार, सीनेट मेंबर संजय चकने, सिक्योरिटी इन चार्ज सुरेश भोसले और सिक्योरिटी कर्मचारी भूरसिंह राजपूत शामिल हैं। पुलिस ने शुरुआत में आकाश की शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया, जिसके बाद उसे कोर्ट का रुख करना पड़ा।