Joshimath Landslide Ban on all Works: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के चलते 561 घर प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते लोग भय में जी रहे हैं। वहीं दरारें आने के बाद तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के तहत चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। स्थानीय लोगों की मांग है कि दरार के चलते जो लोग प्रभावित हुए हैं, उनके पुनर्वास की व्यवस्था हो।
पुष्कर सिंह धामी बनाए हुए हैं नजर:
लोगों का कहना है कि जोशीमठ में हो रहे भूमिगत टनल के निर्माण के में विस्फोट हो रहे हैं। ऐसे में जमीन धंस रही है। इसको देखते हुए लोगों की मांग है कि बद्रीनाथ के लिए हेलंग और मारवाड़ी के बीच एनटीपीसी सुरंग और बाईपास सड़क का निर्माण रोका जाना चाहिए और एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना पर भूमि धंसने की जिम्मेदारी तय हो। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
सीएम धामी ने की मीटिंग:
शुक्रवार (6 जनवरी) को एक हाईलेवल मीटिंग में सीएम धामी ने कहा कि जमीन धंसने से प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जाए और उनके लिए पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। इसके अलावा उन्होंने डेंजर जोन को तुरंत प्रभाव से खाली कराने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि लोगों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा हेलंग बाईपास के निर्माण, तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना के काम पर रोग लगा दी है। इसके साथ ही नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले अन्य निर्माण कार्यों पर भी प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगाई है। बता दें कि एनटीपीसी और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) को भी प्रभावित परिवारों के लिए पहले से 2,000 घर बनाने के लिए कहा गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने कहा कि घरों में दरारें पड़ने के चलते जोखिम में रह रहे 47 परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर, जिसमें नगर पालिका भवन, प्राथमिक विद्यालय भवन, मिलन केंद्र, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कॉलेज भवन और आईटीआई तपोवन ले जाया गया है।
बता दें कि जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के मार्ग पर उच्च जोखिम वाले भूकंपीय ‘जोन-वी’ में आता है। बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब दोनों की यात्रा करने वाले पर्यटक जोशीमठ से होकर गुजरते हैं। ऐसे में इस टाउन में कई होमस्टे और होटल हैं, जिनमें से कई धंसने की चपेट में आ गए हैं।
अब तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं। जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं।
विपक्ष ने बोला हमला:
कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की आलोचना की है कि उसने लोगों की उदासीनता की ओर आंख मूंद ली है।
कांग्रेस ने एक ट्वीट में लिखा-
“जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) में लगातार भूस्खलन हो रहा है। इस दौरान जोशीमठ में कई घरों में दरारें आने से लोग कड़ाके की ठंड में सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं। जोशीमठ को भूस्खलन से बचाने के लिए राज्य सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए।”
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गणेश गोदियाल ने लिखा कि प्रदेश में भाजपा को जो बहुमत मिला है उसका मक़सद सिर्फ़ सरकार चलाना और शासन करना है, सरकार जनता के हितों की परवाह ना करते हुए चैन की नींद में सोयी हुई है।