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Joshimath Demolition: दरार वाले मकान और होटल तोड़ने का काम आज से शुरू, जानिए जोशीमठ से जुड़े 10 बड़े अपडेट

Joshimath Demolition: जोशीमठ को भगवान बद्रीनाथ (Lord Badrinath) की ‘शीतकालीन गद्दी (winter seat)’ कहा जाता है।

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Joshimath Demolition: जोशीमठ में क्षतिग्रस्त मकान-इमारत तोड़ने का कार्य आज शुरू। (फोटो सोर्स: ANI)

Joshimath Demolition: उत्तराखंड का जोशीमठ कस्बा (Uttarakhand Joshimath) लगातार धंसता जा रहा है, जिस वजह से यहां के ज्यादातर घर और इमारतों में दरारें आ गई हैं। ऐसे में अब दरार आ चुकी इन इमारतों और घरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा है कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के धंसते जोशीमठ (Joshimath) में जिन इमारतों में दरारें आ गई हैं और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उन्हें आज से ध्वस्त कर दिया जाएगा। जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया है, ‘डेंजर’, ‘बफर’ और ‘कंप्लीटली सेफ।’

यहां जानिए उत्तराखंड के जोशीमठ से जुड़े 10 बड़े अपडेट:

  1. खतरे की भयानक स्थिति को देखते हुए जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया है। जिसमें डेंजर, बफर’ और कंप्लीटली सेफ जोन शामिल है।
  2. अधिकारियों ने बताया कि डूबते जोशीमठ में कुल 678 इमारतों में दरारें आ गई हैं, जो सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।
  3. डेंजर जोन में कई घरों के अलावा, दो होटल – माउंट व्यू और मलारी इन शामिल हैं, जो एक-दूसरे की ओर झुके हुए हैं उनको भी गिराया जाएगा।
  4. डूबते शहर को आपदा-प्रवण क्षेत्र घोषित किया गया है। जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित है। एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा जाएगा।’
  5. करीब चार हजार लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा, ‘जोशीमठ में प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों में व्यवस्था की गई है। बुनियादी सुविधाओं का प्रशासन द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही प्रभावित लोगों की हर संभव मदद दी जा रही है।’
  6. जोशीमठ में जमीन की सतह के डूबने का आकलन करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा क्षतिग्रस्त घरों के विध्वंस की सिफारिश की गई। विशेषज्ञों ने खतरनाक स्थिति के लिए पनबिजली परियोजनाओं सहित अनियोजित बुनियादी ढांचे के विकास को जिम्मेदार ठहराया है।
  7. क्षतिग्रस्त घरों को गिराने का काम केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) की एक टीम की देखरेख में किया जाएगा, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को उनकी सहायता के लिए बुलाया गया है।
  8. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी से एक टीम के रूप में काम करने और शहर को बचाने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
  9. स्थानीय लोगों ने कहा है कि उन्होंने पिछले महीने तीन बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) परियोजना की सुरंगों में विस्फोटों के प्रभाव के बारे में सचेत किया था। वहीं एनटीपीसी ने अपनी परियोजना और जोशीमठ की स्थिति के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया है।
  10. जोशीमठ को भगवान बद्रीनाथ (Lord Badrinath) की ‘शीतकालीन गद्दी (winter seat)’ कहा जाता है, जिनकी मूर्ति हर सर्दियों में शहर के मुख्य बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath temple) से वासुदेव मंदिर (Vasudeva temple) में लाई जाती है। यह सिखों के पवित्र मंदिर हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) का प्रवेश द्वार भी है।

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First published on: 10-01-2023 at 14:53 IST
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