6 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार सीएम दफ्तर में नियुक्त तीन पीआरओ को संघ से जुड़े संगठनों से समन्वय करने का काम सौंपा गया। यह तीनों जनसंपर्क अधिकारी RSS बैकग्राउंड वाले माने जाते हैं। इसके अलावा जिन तीन अन्य PRO की नियुक्ति हुई है, वह भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे। एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि आदेश में जिस ‘संघ’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है उसका संदर्भ RSS से है।
अधिकारी ने कहा कि आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों के मामले सरकारी विभागों के पास आते हैं। एक व्यक्ति जिसके पास इस संगठन के साथ काम करने का अनुभव हो, वह संघ के पदाधिकारियों के साथ बेहतर तरीके से समन्वय कर सकता है और मामलों का निपटारा भी आसानी से कर सकेगा।
वहीं आरएसएस के पदाधिकारी के अनुसार आमतौर पर हमें किसी भी सरकारी अधिकारी से बात करने में समस्या नहीं होती है लेकिन अगर हमारे फोन कॉल, चिट्ठियों को रिसीव करने और हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों के निपटारे के लिए सीएम दफ्तर में कोई विशेष व्यक्ति हो तो मामलों का निपटारा आसान होगा।
भजराम पंवार: सीएम आवास के कैंप कार्यालय से काम करेंगे, वह संघ और उससे जुड़े संगठनों के साथ समन्वय करेंगे। वह सीएम की दौरों और यात्राओं के अनुसार इन संगठनों से संबंधित कार्यक्रम बनाएंगे।
गौरव सिंह: सीएम सचिवालय कार्यालय में काम करेंगे, भाजपा और उससे जुड़े संगठनों से संबंधित कामों के निपटान और देखरेख करेंगे, साथ ही उनके पास निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी भी होगी।
राजेश सेठी: विधानसभा कैंप ऑफिस से काम करेंगे। वह संघ और भाजपा के केंद्रीय और देहरादून के पदाधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
सूत्रों के अनुसार पंवार पहले बागेश्वर के आरएसएस जिला प्रचारक थे, गौरव पश्चिमी यूपी में नगर कार्यवाह के रूप में काम कर रहे थे और सेठी देहरादून में संपर्क प्रमुख के पद पर तैनात थे।
इसके अलावा अन्य तीन पीआरओ की बात की जाए तो इनके नाम प्रमोद जोशी, नंदन सिंह बिष्ट और मुलायम सिंह रावत है, यह तीनों पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं। जोशी और बिष्ट सीएम के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कामों को देखेंगे, जबकि रावत जनता की शिकायतों और सुझावों का ध्यान रखेंगे।