उत्तर प्रदेश की 2 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने हरा दिया। वहीं रामपुर में आजम खान के करीबी और सपा के प्रत्याशी आसिम रजा को बीजेपी के घनश्याम लोधी ने 42,000 वोटों के अंतर से हराया। दोनों ही सीटों पर हार के बाद कहा जा रहा है कि मुसलमानों ने सपा को पूरी तरह से वोट नहीं दिया।
आजमगढ़ में बीएसपी ने गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाया था। गुड्डू जमाली को 2,60,000 से अधिक वोट मिले हैं। गुड्डू जमाली को मुस्लिम समुदाय ने भी बढ़-चढ़कर वोट किया है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बीएसपी पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाया। सपा के नेताओं का कहना है कि अगर आजमगढ़ में बीएसपी ने उम्मीदवार नहीं उतारा होता, तो समाजवादी पार्टी आसानी से चुनाव जीत जाती।
आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने भी हार के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बीएसपी का बीजेपी के साथ अघोषित गठबंधन है। धर्मेंद्र यादव ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि बीएसपी, बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रही है और आप लोग कब तक गुमराह होते रहोगे? धर्मेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी ने बीजेपी की बी टीम बन कर काम किया और आपके वोटों का टेंडर लेकर बांटने का काम किया। धर्मेंद्र यादव ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों से कहा कि मेरी हार से सबक ले लो।
वहीं उपचुनाव में बीएसपी के उम्मीदवार रहे गुड्डू जमाली ने यूट्यूब चैनल यूपी तक से बात करते हुए कहा कि हम मायावती जी से आग्रह करते हैं कि अब पार्टी से पिछड़े और अति पिछड़े समाज के नेताओं को जोड़ा जाए, ताकि पार्टी आने वाले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे। उन्होंने कहा कि हमें जिस तरीके से पिछड़ों के बीच काम करना चाहिए था, हम नहीं कर पाए।
अपनी हार की समीक्षा करते हुए गुड्डू जमाली ने बताया कि मेरी हार का एक बड़ा कारण वोटिंग कम होना रहा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों ने भी कम वोट डाला और दलित समाज के लोगों ने भी कम वोट डाला, और इसका हमें ज्यादा नुकसान हुआ।