यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना से भिड़ गये। उन्होंने सवाल का जवाब दे रहे सुरेश खन्ना की भाषा पर सवाल उठाया। उन्होंने सुरेश खन्ना पर तंज कसते हुए कहा कि अगर दिल्ली वाले न आए होते तो जमानत जब्त हो जाती। जीतने का घमंड दिखाते हो।अखिलेश यादव जब सुरेश खन्ना पर यह टिप्पणी कर रहे थे, तब सुरेश खन्ना के बगल में सीएम योगी भी बैठे हुए थे।
दरअसल, सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर पर एफआईआर को लेकर हो रही बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना से भिड़ गए। उन्होंने सवाल का जवाब दे रहे खन्ना की भाषा पर सवाल उठाया।
इस दौरान अखिलेश यादव ने ओपी राजभर के सवाल पर जवाब दे रहे सुरेश खन्ना से कहा कि राजभर पहले बीजेपी के साथ थे, अब हमारे साथ हैं। उनसे दुश्मनी न निकाली जाए। इस पर खन्ना ने कहा कि वह इस बात को दिमाग से निकाल दें। अखिलेश इस जवाब पर भड़क गए और बोले कि यह संसदीय मंत्री की कैसी भाषा है? अगर दिल्ली वाले न आए होते तो इनकी जमानत जब्त हो जाती। मैं जानता हूं आप लोग कैसे जीते हो। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी के कई लोग बेईमानी से जीते हैं।
वहीं प्राइमरी स्कूल के बच्चों की ड्रेस को लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बहस हो गई। दोनों के बीच ड्रेस की क्वॉलिटी और सही नाप को लेकर वित्त मंत्री सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बच्चों की ड्रेस का पैसा सीधे उनके खाते में भेजे जाने के बारे में बता रहे थे।
उसी समय नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपनी जगह पर खड़े होकर सवाल उठाया कि सरकार ने बच्चों की ड्रेस का बजट इतना कम क्यों कर रखा है?अखिलेश यादव ने पूछा कि वो जगह बता दीजिए जहां 1100 रुपये में दो ड्रेस मिल जाते हों। उन्होंने कहा कि आपकी तो डबल इंजन की सरकार है। आप एक हजार रुपये वाली ड्रेस बच्चों को क्यों नहीं खरीदवा रहे हैं? उन्होंने ड्रेस की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठाया।
बता दें प्राइमरी स्कूल में बच्चों की ड्रेस के मामले को विधानसभा में कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ( मोना) ने उठाया था। उन्होंने डीबीटी के माध्यम से बच्चों को दी जाने वाली राशि के अपर्याप्त होने की बात कही। बोलीं कि हर बच्चे को 1100 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि बिल्कुल अपर्याप्त है। इसके बाद इस मुद्दे को अखिलेश यादव ने उठाया था।