सहारनपुर हिंसा से जुड़ा एक वीडियो पिछले दिनों सामने आया था, जिसमें यूपी पुलिस बेरहमी से कुछ लड़कों को पीटती नजर आ रही है। ये वीडियो बीजेपी के एक विधायक शलभमणी त्रिपाठी ने भी रिटर्न गिफ्ट कहते हुए ट्वीट किया था। अब वीडियो में दिखाई दे रहे 7-8 लड़कों को कोर्ट ने बरी कर दिया है क्योंकि उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला है। इन लड़कों को पहले सहारनपुर हिंसा का आरोपी बताया जा रहा था।
इस वीडियो में एक लड़का मोहम्मद अली भी था, जो कोर्ट से बरी होकर अपने घर पहुंच गया है। उसने बताया कि जेल में गुजारे 23 दिन उसे 23 साल की तरह लगे और इतने दिनों में ना सुकून से सो पाया। उसने बताया कि उसे पुलिस ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उसका हाथ अभी तक सूजा हुआ है।
अली ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई दो होम गार्ड उसे और उसके दोस्त को अपने साथ चौकी ले गए और फिर हवालात में बंद कर दिया। उसने बताया, “जिस वक्त रैली निकल रही थी उस समय मैं अपने मोहल्ले में ही था। मैं अपनी गली में ही डेढ़ बजे जुमे की नमाज पढ़कर खाना खाने के लिए गया। खाना खाकर जब मैं वापस आया तो अपने दोस्त के साथ स्कूटर लेने चला गया।”
उसने बताया, “जब वापस आए तो जुमा मस्जिद के पास दो होम गार्ड ने रोककर हमें उतरने को कहा। हम तीन लोग थे एक को भेज दिया और हम तीन को पकड़कर चौकी पर ले गए।”
उसने बताया कि चौकी में दरोगा साहब ने कहा कि 5 मिनट में आपको छोड़ रहे हैं और फुटेज चेक करवा दो। उनके मना करने पर भी वो लड़कों को ले गए और फिर हवालात में बंद कर दिया। मोहम्मद अली ने कहा कि 5-6 घंटे तक बंद करने के बाद उनकी पिटाई की। उसने बताया कि पुलिस ने इतना मारा कि हाथ अभी तक सूजा हुआ है। इतना ही नहीं अली का कहना है कि उसे छुड़ाने के लिए थाने गए उसके चाचा को भी पुलिस ने बंद कर दिया और वो अब तक वहीं बंद हैं।
उसने बताया कि हवालात में 23 दिन 23 साल के बराबर थे। 23 दिन बाद कल मैं अपने घर पर चैन से सोया हूं। बता दें कि पुलिस ने बाद में इस वीडियो को लेकर कहा कि यह वीडियो सहारनुपर का है ही नहीं।