कानपुर के खपरा मोहाल फ्लाईओवर के खराब होने के लिए सेतु निगम ने चूहों और लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया है। यह फ्लाईओवर 40 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया था। अब यह पुल खोखला हो चुका है और चूहों ने रैंप में छेद कर डाला है। बारिश के दौरान यह पुल तीन बार धंस चुका है। दरअसल रैंप में छेद करके चूहों ने अपना बसेरा बना लिया है। इसपर तंज कसते हुए पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि ये चूहे सरकार के हैं या संगठन के?
दरअसल यह पुल बार-बार धंस रहा था। इसके बाद तकनीकी टीम जांच करने पहुंची तो पता चला कि यहां चूहों की भरमार है। बगल में ही रेलवे गोदाम है जहां से चूहे आ रहे थे। रैंप में छेद करके चूहों ने रास्ता और अपना घऱ बना लिया था। अगस्त में हुई भारी बारिश से यह फ्लाईओवर धंसने लगा।
जांच में यह भी पता चला कि रैंप में बालू की जगह राबिश का इस्तेमाल किया गया था। अब सेतु निगम और कैंट बोर्ड के बीच इस मामले को लेकर ठन गई है। सेतु निगम का कहना है कि पुल के मेंटिनेंस का काम कैंड बोर्ड को करना चाहिए क्योंकि वह लाइट के मेंटिनेंस का काम भी देख रहा है। वहीं कैंट बोर्ड कह रहा हैकि पुल का निर्माण सेतु निगम ने करवाया है तो मेंटिनेंस का काम भी वही करेगा।
हल्की बारिश में भी रिसने लगता है पानी
पुल इस कदर खराब हो गया है कि जरा सी बारिश होने पर भी पानी नीचे रिसने लगता है। पुल का स्लैब पूरी तरह से खराब हो चुका है। अब इस फ्लाईओवर पर से लोगों का आना जाना बंद कर दिया गया है। यह पुल अब खतरनाक हो गया है। हालत यह हो गई है कि हल्के-फुल्के मेंटिनेंस से इसे चलने लायक नहीं बनाया जा सकता है।