वाराणसी के नालों में NGT को मिला खून, घरों के भीतर काटे जा रहे जानवर
एनजीटी की टीम यहां उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहने वाली नदियों और जलाशयों की पड़ताल के लिए आई थी। लेकिन यहां का नजारा देख सभी की आंखें फटी रह गईं।

वाराणसी में आई नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिससे सभी चौंक गए। यहां के नालों में टीम ने खून बहता हुआ देखा। जानकारी करने पर पता चला कि काफी समय पहले एक बूचड़खाना था। हालांकि वह बंद किया जा चुका है। जिसके बाद से एनजीटी की टीम ने पूरी संभावना जताई कि यहां के घरों में जानवर काटे जा रहे हैं। जिन नालों में खून दिखा वह वरुणा नदी में गिरते हैं। इसके बाद जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने वरुणा में खून व अवशेष गिरने से रोकने के लिए सात दिन की समयसीम तय कर दी है।
दरअसल, एनजीटी की टीम यहां उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहने वाली नदियों और जलाशयों की पड़ताल के लिए आई थी। लेकिन यहां का नजारा देख सभी की आंखें फटी रह गईं। टीम यहां सुबह सात बजे ही पहुंच गई थी। जहां नाले में पहले तो पानी लाल रंग का दिखा। इसके कुछ ही देर में इसमें आतें भी दिखाई दीं। किसी बूचड़खाने की आशंका के चलते जानकारी की गई तो पता चला कि वह बंद किया जा चुका है।
बूचड़खाना बंद होने पर टीम मान रही है कि नालों में बहता मिला खून और मांस उन छोटे जानवरों का है, जिन्हें घरों के अंदर ही मारकर काटा जा रहा है। टीम की पड़ताल के दौरान की घटना रिकॉर्ड भी की जा चुकी थी। इसके साथ ही मौके से सैंपल भी इकट्ठा किए गए हैं। अब टीम दो हफ्ते में रिपोर्ट जमा करेगी।
पड़ताल करने गई समिति के चेयरपर्सन डीपी सिंह ने बताया कि, नाले में खून बहने के बारे में टीम को सुबह सूचना मिली थी। जब टीम मौके पर गई तो सूचना सही दिखाई पड़ी। उन्होंने बताया कि करीब एक घंटे नालों से खून बहकर वरुणा नदी में गिरता रहा। सिंह ने बताया कि, इस बारे में पूछने पर नगर पालिका को भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि पूरा नजारा देखने के बाद टीम ने आस पास इलाके को भी देखा। इस दौरान एक घर में दर्जनों बकरियां मिलीं। उन्होंने आशंका जाहिर की कि, यहां के घरों में अवैध रूप से बूचड़खाने चलाए जा रहे हैं।