आरएसएस से जुड़ा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच रमजान में गाय के दूध से कराएगा इफ्तार, बताएगा बीफ खाने का नुकसान
एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने कहा कि मुसलमानों पर गौहत्या का आरोप लगाया जाता है इसलिए वो ये संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिम भी गौरक्षा के लिए काम करते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) रमजान में “नो बीफ, नाउ काऊ मिल्क” (बीफ नहीं, अब गाय का दूध) पार्टी का आयोजन करेगा। इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार एमआरएम रमजान के दौरान मुसलमानों से इफ्तार पार्टियों में बीफ न खाने और गाय के दूध के सेवन की अपील करेगा। एमआरएम का दावा है कि वो पूरे देश में करीब 100 गौशालाएं चलाता है।
एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने कहा कि मुसलमानों पर गौहत्या का आरोप लगाया जाता है इसलिए वो ये संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिम भी गौरक्षा के लिए काम करते हैं। अफजाल ने बताया कि रमजान के दौरान इफ्तार के समय रोजेदारों को उनका संगठन गाय के दूध से बना शरबत पिलाएगा। अफजाल ने बताया कि एमआरएम मुसलमानों को बीफ के नुकसान और गाय के दूध के फायदे भी बताएगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पांच और छह मई को उत्तराखंड के रुड़की के नजदीक एक 13वीं सदी की दरगाह पर दो दिवसीय कार्यक्रम किया। कार्यक्रम में करीब 300 मौलवी आए। कार्यक्रम में मुसलमानों को गाय के फायदे बताने के साथ ही तीन तलाक, राम मंदिर के मुद्दे पर भी चर्चा की गयी। रमजान के दौरान “बीफ नहीं, गाय का दूध” पार्टी करने का फैसला इसी कार्यक्रम में लिया गया। एमआरएम तीन तलाक और राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा के रुख से सहमति रखता है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार एमआरएम के संरक्षक हैं।
एमआरएम ने कार्यक्रम में पूरे देश में अल्पसंख्यकों को सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए चलायी जाने वाली योजनाओं से अवगत कराने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की भी बात कही गयी है। एमआरएम मुसलमानों को राम मंदिर निर्माण के लिए सहमति देने के लिए तैयार करेगा। इंद्रेश कुमार ने रुड़की के कार्यक्रम से पहले कहा था कि वो मुस्लिम समुदाय से मदरसों में कुरान के साथ-साथ “भारतीय तहजीब” की शिक्षा देने की भी अपील करेंगे।
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