समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। शिवपाल यादव और आजम खान पहले ही इशारों में सपा प्रमुख से नाराजगी जता चुके हैं। अब पार्टी के वरिष्ठ नेता कुंवर रेवती रमण सिंह ने भी नराजगी जाहिर करते हुए कहा, “अखिलेश ने मुझसे बात तक नहीं की।”
रेवती रमण उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं और अगले महीने उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है, लेकिन इस बार उन्हें सपा ने टिकट नहीं दिया है। इस बीच उन्होंने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर की और कहा, “अभी तो हम समाजवादी पार्टी में ही हैं, लेकिन हमारे कुछ समर्थकों ने आहत होकर इस्तीफा दिया है मैं उनका सम्मान करता हूं।” उन्होंने कहा, “पार्टी नेतृत्व को जो करना चाहिए था वो उन्होंने नहीं किया। उचित समय आएगा वो बात करेंगे, तो हम भी बात करेंगे।”
टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि राज्यसभा के चेयरमैन ने कई बार हमारी तारीफ की और हमने समाजवादी पार्टी का नाम रोशन करने का भरसक काम किया, लेकिन किन कारणों से हमें टिकट नहीं मिला इसका हमें दुख है।
इस बीच ऐसी खबरें आ रही थीं कि रेवती रमण सपा का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, हालांकि उन्होंने इस तरह की सभी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है। इनमें से समाजवादी पार्टी के रेवती रमण, विशंभर प्रसाद निषाद और सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल अगले महीने जुलाई में खत्म होने जा रहा है।
करछना से आठ बार विधायक और इलाहाबाद से दो बार सांसद रहे रेवती
रेवती रमण सिंह 1963 से राजनीति में सक्रिय हैं। वह करछना से 8 बार विधायक रह चुके हैं और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से दो बार सांसद भी रहे। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को हराकर वह सांसद बने और अब वह राज्यसभा सांसद हैं। रेवती रमण के बाद उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह करछना सीट से दो बार विधायक चुने गए। हालांकि, 2022 के विधानसभा में वह यह सीट हार गए।