सर्वे टीम से हटाए जाने के बाद पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने अपने ही सहयोगी विशाल सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वो राजनीति के शिकार हुए हैं। उन पर कार्रवाई मुस्लिम पक्ष के कहने पर नहीं, बल्कि विशाल सिंह के कहने पर हुई है। अजय मिश्रा ने कहा- “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। विशाल सिंह ने मुझे धोखा दिया। उन्होंने मेरे स्वभाव का फायदा उठाया।”
उन्होंने आगे दावा किया कि वो और उनकी टीम ने बीती रात 12 बजे तक एक साथ रिपोर्ट तैयार की थी। उन्होंने कहा- “मुझे नहीं पता था कि विशाल सिंह मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में दुखी हूं। मैं पक्षपाती नहीं था। मैं सर्वे के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। खुद को उठने के लिए किसी और गिराना नहीं चाहिए, मैं अपनी जगह पर सही हूं”।
मिश्रा ने आगे कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, लेकिन विशाल सिंह ने जो किया है वह गलत किया। उन्होंने कहा- “मेरे ऊपर आरोप लगाए गए। सर्वे के दौरान मैं अपने रास्ते जाता था, वह अपने रास्ते, मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन कोर्ट का सम्मान है। इसलिए चुप बैठूंगा। मैं अपनी जगह सही हूं, मेरी आत्मा जानती है कि मैंने कोई गलत काम नहीं किया”।
वहीं अजय मिश्रा के आरोपों का जवाब देते हुए नए सर्वे कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा कि उन्होंने अजय मिश्रा के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की थी। उन्होंने कहा- ‘मैंने अजय मिश्रा के आचरण के संबंध में याचिका दी थी। अजय मिश्रा ने एक वीडियोग्राफर नियुक्त किया था, जो मीडिया में सूचना लीक कर रहा था”।
बता दें कि आज ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई, जहां शीर्ष न्यायलय ने वाराणसी प्रशासन को आदेश दिया कि मस्जिद में नमाज बाधित नहीं होनी चाहिए। साथ ही जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उसे भी सुरक्षित रखा है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 19 मई को करेगा। मंगलवार को सुनावई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को भी इस मामले पर नोटिस भेजा है।