उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में सोमवार को भी सर्वे होगा। रविवार को भी सर्वे का काम हुआ। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर राजनीतिक माहौल भी गर्म है। सब अपने-अपने अनुसार अलग-अलग दावें कर रहे हैं। वहीं सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह ने एक बड़ा दावा किया है और यहां तक कह दिया है कि तहखाने में सबूत भरे पड़े हैं।
सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह ने समाचार चैनल इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, “हिन्दुओं के सारे प्रतिक और सबसे अधिक सबूत तो तहखाने में मिले हैं, जो पूर्णतः सुरक्षित हैं। तहखाने में जो मलबे हैं, अगर उनकी अच्छे से जांच हो जाए तो बहुत सारे सबूत मिलने की उम्मीद है। तहखाने में जो खम्भे बने हैं, उनमें बहुत सारी मूर्तियां बनीं हुईं हैं और आज जो कमीशन हुआ है उसमे भी बहुत सारे सबूत मिले हैं।”
आरपी सिंह ने दावा करते हुए कहा, “ज्ञानवापी में जहां नमाज पढ़ी जाती है, वहां पर जगह-जगह श्री लिखा हुआ है। ओम का, त्रिशूल का प्रतीक भी बना हुआ है जो शुभ माना जाता है। हिन्दू धर्म से जुड़े हुए बहुत सारे चित्र पत्थरों पर हैं, वो पेंटेड नहीं हैं, बल्कि पत्थरों पर बने हुए हैं। कई जगहों पर संस्कृत के श्लोक भी मिले हैं। मलबे के सामान का ही उपयोग करके गुम्बद बनाया गया है। बस थोड़ी बहुत ईंट से जुड़ाई हुई है, लेकिन ज्यादातर मलबे का ही उपयोग हुआ है।”
वहीं दूसरे दिन के सर्वे के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा, “कोर्ट का फैसला गलत है और इसको मैं इसलिए गलत कहूंगा क्योंकि कोर्ट का फैसला 1991 के पार्लियामेंट एक्ट के खिलाफ है। मैं बार-बार कहता हूं कि सर्वे और वीडियोग्राफी के खिलाफ मस्जिद कमेटी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि क्या वे संसद द्वारा बनाएं गए 1991 एक्ट को मानेंगे या नहीं?”
रविवार को सर्वे के दूसरे दिन मस्जिद के ऊपरी ढांचे की वीडियोग्राफी हुई। हिन्दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने दावा किया कि हमारा दावा और मजबूत हुआ है और हमारे पक्ष में सबूत मिले हैं।