यूपी के बागपत जिले में एक 55 वर्षीय अज्ञात शख्स के शव को केरीसीन, टायर, प्लास्टिक, कूड़े और टहनियां डालकर जलाने का मामला सामने आया है। आरोप एक हेड कॉन्स्टेबल पर लगा है, जिसे सस्पेंड कर दिया गया है। जिले के एसपी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने ऐक्शन लिया है। पुलिस स्टेशन इंचार्ज राकेश कुमार सिंह ने बताया, ‘शव को बागपत के नजदीक सिसाना के जंगलों से 7 जनवरी को बरामद किया गया था। हमने तीन दिन तक इंतजार किया ताकि जिले में पुलिस थानों में लापता लोगों के बारे में दर्ज एफआईआर से शव की शिनाख्त की जा सके। हालांकि, हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमने (हेड कॉन्स्टेबल) जयवीर सिंह को अंतिम संस्कार करने को कहा। ऐसा लगता है कि उसने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के मद में मिलने वाले पैसे को अपने पास रख लिया। उसे सस्पेंड कर दिया गया है।’
पुलिस के मुताबिक, लावारिस शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिसवालों को 2700 रुपये मिलते हैं। स्टेशन इंचार्ज ने बताया, ‘जयवीर सिंह ने बताया कि श्मशान भूमि से खरीदी गई लकड़ियां गीली थीं इसलिए उसने टायर, केरोसीन और पॉलिथीन-प्लास्टिक आदि से आग लगाई। हालांकि, उसने इस बारे में समुचित जवाब नहीं दिया कि उसने शव को ठीक ढंग से श्मशान क्यों नहीं पहुंचाया।’
वहीं, बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया, ‘वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि लावारिस शव को टायर, प्लास्टिक वेस्ट और न्यूनतम लकड़ियों का इस्तेमाल करके जलाया गया। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि ऐसे शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का उल्लंघन है। हमने इस चौंकाने वाली घटना के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है।’
वहीं, आरोपी कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह ने बताया, ‘श्मशान से जो मैंने लकड़ियां खरीदी थीं, वो गीली थीं इसलिए मैंने चिता जलाने के लिए टायर और केरोसीन का इस्तेमाल किया। एक बार आग पकड़ने के बाद, मैंने टायर हटा लिए, लेकिन वीडियो में उस हिस्से को हटा दिया गया। मैंने श्मशान भूमि पर शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए एसपी से लिखित में माफी मांगी है।’