उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को कुछ हिंदूवादी कार्यकर्ताओं द्वारा 7 पादरियों पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने दो संप्रदायों को बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में पादरियों को ही गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि देर शाम उन्हें निजी बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया था। अब इस घटना के एक दिन बाद पादरियों ने उनके साथ मारपीट करने वाले हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। एक पादरी रवि कुमार ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि हमलावरों ने उन पर झूठे आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई की। इसके साथ ही आरोपियों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और उनके म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट तोड़ दिए।

दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब पादरियों ने मंगलवार को आगरा के होटल समोबर में एक बैठक बुलायी। पादरी रवि कुमार का कहना है कि उन्होंने यह बैठक क्रिसमस की तैयारियों के सिलसिले में बुलायी थी। बैठक के दौरान कई महिलाएं और बच्चे भी थे। पादरियों का आरोप है कि इसी दौरान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता जबरन होटल में पहुंच गए और हिंदुओं के धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए गाली-गलौच शुरु कर दी। पादरियों का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें हॉकी डंडो से पीटा। इस हमले में 3 लोग घायल हो गए। जिस होटल में यह घटना घटी उसके मैनेजर तेजवीर सिंह का भी कहना है कि ‘धर्मांतरण की बात गलत है। मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि हमलावर यहां कैसे पहुंचे!’

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शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए ताजगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि ‘रवि कुमार ने हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज करायी है। एफआईआर में 8 लोगों को नामजद और 15 अज्ञात लोगों का नाम है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 352, 323 और 427 के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।’ वहीं दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद के ब्रज उपाध्यक्ष सुनील पाराशर का कहना है कि विहिप और बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ता वहां सिर्फ पुष्टि के लिए गए थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बैठक की रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की तो बैठक में मौजूद लोगों ने उन पर हमला कर दिया।