Uttar Pradesh Caste Census: उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओपी राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। सुभासपा प्रमुख ने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, केंद्र में भी कांग्रेस पार्टी को उनका समर्थन था, तब उन्होंने प्रदेश में जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई। आज जब वो सत्ता में नहीं हैं तो भाजपा से भीख मांग रहे हैं।
सुभासपा प्रमुख ने कहा कि पहली जातीय जनगणना 1931 में हुई। उसके बाद बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में व्यवस्था दी कि हर 10 साल बाद जातीय जनगणना होगी। राजभर ने कहा कि मैं मानता हूं कि भाजपा ने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन प्रदेश में चार बार सपा और चार बार बसपा की सरकार बनी, तब इन दोनों सरकारों ने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई। राजभर ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर 20 साल से हम चिल्ला रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
हम 20 साल से जातीय जनगणना की मांग कर रहे: ओपी राजभर
राजभर ने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तब वो यह काम कर सकते थे, अब जब सत्ता में नहीं हैं तो भाजपा से भीख मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी अपनी पार्टी है, उसका मैनिफेस्टो है। हम खुद 20 साल से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। सपा प्रमुख के साथ होने के सवाल पर राजभर ने कहा कि हम अखिलेश यादव के साथ रहे। उनको हमने अपनी ताकत का भी अहसास कराया। भाजपा के साथ थे तो भाजपा को अपनी पार्टी ताकत बता दी।
विधानसभा में अखिलेश यादव ने उठाया था जातीय जनगणना का मुद्दा
23 फरवरी, 2023 को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है, लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है। बिना जातीय जनगणना के बीजेपी का यह नारा अधूरा है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में जनगणना हो सकती है तो यूपी में क्यों नहीं हो सकती है? यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने में जातीय जनगणना कराएंगे।’ उन्होंने योगी सरकार से भी जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने की भी मांग की।
अखिलेश यादव ने जोर देते हुए कहा कि पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर अपने पक्ष में समर्थन दिखाने के लिए सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और योगी सरकार में सहयोगी निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल के आशीष पटेल की ओर इशारा करते हुए पूछा कि आप बताएं कि जातीय जनगणना चाहते हैं या नहीं। इस तरह से अखिलेश ने एक तरफ जातिगत जनगणना पर ओबीसी की सियासत करने वाली पार्टियों को कशमकश डाला दिया था।