उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और सहारनपुर शहरों में पैगंबर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर 10 जून को हुई हिंसा में आरोपियों और उनके रिश्तेदारों को मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने स्थानीय निवासियों को उत्तर प्रदेश के शहरी नियोजन और विकास अध्यादेश 1973 के तहत लगभग 30 नोटिस जारी किए हैं जिसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के जिलाध्यक्ष के बड़े भाई भी शामिल हैं प्रयागराज हिंसा में वो कथित तौर पर वो भी वांछित हैं।
पिछले सप्ताह एक स्थानीय अदालत ने पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर एआईएमआईएम की प्रयागराज इकाई के जिला अध्यक्ष शाह आलम (58) के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया। करेली थाना क्षेत्र के गौसनगर इलाके में शाह आलम का घर उसके बड़े भाई सैयद मकसूद अहमद के बगल में है।
दोनों भाइयों के घर सटे हुए हैं और शाह आलम दोनों घरों का इस्तेमाल करते हैंः एक स्थानीय निवासी ने बताया, “शाह आलम और उनके भाई का घर अलग-अलग जमीनों पर बने हुए है। लेकिन दोनों भूखंडों के बीच कोई चारदीवारी नहीं है। चूंकि सैयद मकसूद अपने परिवार के साथ लंबे समय तक विदेश में रहता है इसलिए शाह आलम और उसका परिवार पूरी संपत्ति का उपयोग कर रहा था। पीडीए ने सैयद मकसूद को नोटिस जारी किया लेकिन यह परोक्ष रूप से शाह आलम को है। हमें पता चला है कि सैयद मकसूद का बेटा हाल ही में भारत लौटा है।”
14 जून को लगाया गया नोटिस, 29 जून को मांगा जवाब
गौसनगर में द इंडियन एक्सप्रेस ने पाया कि सैयद मसूद और शाह आलम के घर बंद थे। पीडीए जोनल अधिकारी अजय कुमार द्वारा 14 जून को जारी कारण बताओ नोटिस को सैयद मकसूद के आवास के बाहर चिपकाया गया था। नोटिस में सैयद मकसूद को 29 जून को व्यक्तिगत रूप से या एक वकील के माध्यम से जोनल अधिकारी के सामने पेश होने और यह बताने के लिए कहा गया है कि इस निर्माण के खिलाफ विध्वंसक आदेश क्यों नहीं जारी किया जाना चाहिए।
मामले में किसी का जवाब नहीं आया
एआईएमआईएम के प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद फरहान ने कहा कि प्रयागराज पुलिस ने उनके जिलाध्यक्ष को झूठे मामले में फंसाया है और अब पीडीए ने शाह आलम के बड़े भाई सैयद मकसूद को परिवार को परेशान करने के लिए नोटिस जारी किया है. पीडीए ने बताया कि इस मामले में टिप्पणी के लिए उपाध्यक्ष सहित किसी से संपर्क नहीं किया जा सका। इसके अलावा, सहारनपुर विकास प्राधिकरण (एसडीए) ने मेहराज और मोहम्मद अली सहित लगभग 10 लोगों को नोटिस जारी किया है, जिन पर 10 जून की हिंसा के लिए मामला दर्ज किया गया था। दोनों जेल में बंद हैं।
24 जून को देना था नोटिस जवाब
“मेहराज और मोहम्मद अली को नोटिस जारी किया गया था कि थटेरी वाली गली और पीर वाली गली में स्थित उनके घर को उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन और विकास अध्यादेश 1973 के तहत मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बनाया गया था। उन्हें 24 जून को इस बात का जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था, क्यों न उनके आवास के खिलाफ विध्वंसक आदेश जारी न किए जाएं। ”आरोपी के वकील बाबर वसीम ने कहा। “मैंने मेहराज और मोहम्मद अली को जारी नोटिस के खिलाफ एसडीए को जवाब दाखिल किया। मैंने कहा कि दोनों उन संपत्तियों के मालिक नहीं हैं।”