योगी सरकार की गोशाला में 22 गायों की मौत, शुरुआती जांच में दावा- बाजरे की पत्तियां खाने से गई जान
शुरूआती जांच में मवेशियों के बाजरे के पत्तों को खाने के बाद नाइट्रेट पॉइज़निंग के कारण मौतें होना बताया जा रहा है। लेकिन इसकी असली वजह आईवीआरआई के निदेशक की विस्तृत जांच के बाद ही आएगी।

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के उझानी थाना क्षेत्र के कछला गांव स्थित एक सरकारी गौशाला में 22 गायों की मौत के मामले में जांच कमेटी बैठाई गई है। शुरूआती जांच में मवेशियों के बाजरे (बाजरा) के पत्तों को खाने के बाद नाइट्रेट पॉइज़निंग के कारण मौतें होना बताया जा रहा है। लेकिन इसकी असली वजह भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के निदेशक की विस्तृत जांच के बाद ही आएगी। फिलहाल गायों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
क्या है मामला: सोमवार को आईवीआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम कछला गांव के गौशाला पहुंची और मवेशियों को परीक्षण के लिए दिए गए चारे और पानी के नमूने इकट्ठे किए। उझानी थाने के एसएचओ विनोद कुमार ने कहा कि रविवार शाम को नियमित चारे के साथ ‘बाजरे’ के पत्ते दिए जाने से जानवर बीमार पड़ गए। जिसके बाद जिलाधिकारी और पशु चिकित्सकों सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची थी। लेकिन उससे पहले ही 22 गायों की मौत हो गई।
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पुलिस का बयान: मामले में एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि 22 जानवर की मौत के बाद तुरंत अन्य 51 जानवरों को उपचार प्रदान कर और उन्हें बचा लिया गया। बदायूं के डीएम दिनेश कुमार ने आईवीआरआई निदेशक से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, “मौत का सही कारण, आईवीआरआई टीम द्वारा विस्तृत जांच के बाद स्पष्ट होगा।”
जारी है जांच: इस बीच बदायूं पुलिस ने कछला गांव में गौशाला के प्रभारी ट्यूबवेल ऑपरेटर अमर नाथ शर्मा से पूछताछ की। एसएचओ कुमार ने कहा, “हमने एक स्थानीय निवासी मोनू से भी पूछताछ की, जिसने गाय के आश्रय स्थल पर चारे की आपूर्ति की थी।”