Muzaffarnagar Khatauli: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर के खतौली के रहने वाले एक बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति को योगी सरकार को देने का फैसला किया है। 80 साल के बुजुर्ग नाथू सिंह का कहना है कि उनके पास 1.5 करोड़ रुपये का घर और जमीन है। उनके एक बेटा और तीन बेटियां हैं। उनका बेटा सहारनपुर के एक स्कूल में टीचर है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है।
खतौली के वृद्धाश्रम में रह रहा बुजुर्ग
पत्नी की मौत के बाद से बुजुर्ग नाथू सिंह खतौली स्थित वृद्धाश्रम में अकेला रह रहा है। बुजुर्ग ने आगे खुलासा किया कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य उन्हें देखने तक नहीं आता। उसके बाद उन्होंने यूपी सरकार को संपत्ति सौंपने के लिए एक हलफनामा दायर किया, जिसमें अनुरोध किया गया है कि उनकी मृत्यु के बाद सरकार उनकी जमीन पर स्कूल या अस्पताल खोलने के लिए भूमि का उपयोग कर सकती है।
बुजुर्ग ने रिसर्च के लिए अपना शरीर देने का फैसला किया
सिंह ने मीडिया से कहा कि इस उम्र में मुझे अपने बेटे और बहू के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। इसलिए मैंने संपत्ति सरकार को देने का मन बनाया। सिंह ने रिसर्च और शैक्षणिक कार्यों के लिए अपना शरीर देने का भी फैसला किया है। वृद्धाश्रम की प्रभारी रेखा सिंह ने कहा कि सिंह नहीं चाहते कि उनका परिवार उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो।
हलफनामे में बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति का किया खुलासा
बुढ़ाना तहसील के सब-रजिस्ट्रार पंकज जैन टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद बुजुर्ग व्यक्ति का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने हलफनामे में अपने आवासीय घर, अपनी 10 बीघा खेती की जमीन और 1.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति का खुलासा किया है। नत्थू सिंह ने अपनी वसीयत में यह भी लिखा है कि मरने के बाद उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज को दे दिया जाए। साथ ही उनकी जमीन पर सरकार स्कूल या हॉस्पिटल बनाकर गरीब लोगों का उपचार करें। यह उनकी आखिरी इच्छा है।