यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक गुरुवार को लोहिया अस्पताल पहुंचे। ब्रजेश पाठक ने कहा कि 16 को 322 से गुणा करो, कितना होगा? 5152 दवाइयां हम वापस नहीं किये। डिप्टी सीएम ने डॉक्टर से पूछा- 5152 दवाइयां कितने मूल्य की होंगी। डॉक्टर ने बताया की ये दवाएं लगभग 50 लाख की होंगी। इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश ने कहा कि ये कोई जरूरी नहीं सभी दवाएं एक ही मूल्य की होंगी, बल्कि कई दवाएं बहुत महंगी होंगी, अगर इनका ऑडिट कराया जाएगा तो ये दवाएं करोड़ों रुपये की होंगी। इसका जिम्मेदार कौन है? ये आप लोग तय करो, ये खाामियां देख ब्रजेश पाठक ने मौजूद चिकित्सकों को जमकर फटकार लगाई।
डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि दवाइयों को वापस क्यों नहीं किया गया? इसका जिम्मेदार कौन है, जो दवा वापस होनी थी, उसको वापस नहीं किया गया और यूज भी नहीं कर पाए। ये दवा कंपनी को वापस होनी चाहिए, जिसका हम पैसा वापस नहीं ले पाए। ये हमारी सरकार यानी जन सरकार का पैसा है। उन्होंने मौके पर मौजूद चिकित्सकों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही जांच के आदेश दिये। इसके बाद डिप्टी सीएम ने फर्श पर बैठकर मरीजों को हाल लिया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि गंभीर मरीज को बेड मिलना चाहिए, जिससे होने वाली मौतों को बचाया जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से अस्पताल की व्यवस्था को गंभीरता से देखने की बात कही।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास स्वास्थ्य मंत्रालय है। ब्रजेश पाठक अस्पतालों का दौरा कर यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। लोहिया अस्पातल के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लखनऊ के बलरामपुर पहुंचे। यहां उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी लैब की शुरुआत की।