यूपीः CM योगी की भाषा पर SP चीफ ने उठाए सवाल, पूछा- DNA का मतलब बता दें, तो जान जाएंगे कि वह मुख्यमंत्री हैं
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि योगी यूपी के रहने वाले नही हैं। वह दूसरे प्रदेश से आए हैं, लेकिन फिर भी यहां की जनता ने उन्हें स्वीकार किया है और प्रदेश की जनता को उन्हें धन्यवाद देना चाहिए।

Samajwadi Party चीफ अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा पर सवाल उठाए हैं। साथ ही पूछा है कि सीएम अगर डीएनए का मतलब बता देंगे तो वह जान जाएंगे कि योगी मुख्यमंत्री हैं। यूपी के पूर्व सीएम ने ये बातें शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं।
अखिलेश ने कहा- अगर सीएम विकास पर बात करना शुरू कर दें, लोगों को इससे अधिक लाभ होगा। वह एक्सप्रेस-वे की बात करते हैं, जो कि असल में सपा शासन में बनाए। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बोलते हुए, पहले उन्होंने कहा था कि यह दिवाली तक तैयार हो जाएगा। फिर कहा कि नए साल तक और अब कह रहे हैं कि अप्रैल तक। कौन जानता है कि यह काम आखिर कब तक पूरा होगा।
बकौल सपा प्रमुख, “जिस तरह की भाषा का वह (मौजूदा सीएम) इस्तेमाल करते हैं, फिर चाहे स्टेजों पर या सदन में, उस तरह से मुख्यमंत्री को बात नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि इनके डीएनए में विभाजन है। अगर डीएनए का फुल फॉर्म (पूरा मतलब) बता दें, तो हम जाएंगे कि वह सीएम हैं…उन्हें कम से कम डीएनए क्या है? यही स्पष्ट कर देना चाहिए।”
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि योगी यूपी के रहने वाले नही हैं। वह दूसरे प्रदेश से आए हैं, लेकिन फिर भी यहां की जनता ने उन्हें स्वीकार किया है और प्रदेश की जनता को उन्हें धन्यवाद देना चाहिए।
SP चीफ अखिलेश बोले, ‘‘CM योगी कह रहे हैं कि ‘अन्नदाता की खुशहाली दलालों को रास नहीं आ रही है, इतना बड़ा धोखा और इतना बड़ा झूठ, कोई सदन में बोल सकता है, मैं उनसे जानना चाहता हूं कि उनकी सरकार ने कितने किसानो को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलवा पाई है।’’
पूर्व सीएम बोले- मैं उनसे जानना चाहता हूं कि क्या उनकी सरकार गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, संतकबीर नगर, बस्ती, गोंडा और फैजाबाद जिलों में किसानों को क्या धान की एमएसपी दिला पायी है, किसी जिले में किसानों को दिला पाएं है? पूरे उप्र में किस किस किसान को कितना एमएसपी दिया गया है, हम जानना चाहते है कि धान की क्या कीमत दी है आपने?
बता दें कि सीएम योगी ने शुक्रवार को विस में कहा था, ‘‘अन्नदाता किसान को धोखा देकर ‘दलाली’ करने वाले लोग आज जरूर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पैसा सीधे उनके (किसानों) खातों में क्यों जा रहा है। आज तो पर्ची भी किसानों के स्मार्ट फोन पर प्राप्त हो रही है। घोषित ‘दलाली’ का जो जरिया था वह भी समाप्त हो गया है।”
सीएम ने सदन से बहिर्गमन कर रहे सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा था’ ये है वास्तविकता, ये है सच्चाई– ये सच्चाई इस बात को बताती है कि प्रतिपक्ष का हमारे अन्नदाता किसानों से कोई लेना देना नहीं है।’ (ANI, PTI और Bhasha इनपुट्स के साथ)